उत्तराखंड में पर्यटन विकास परिषद के ढांचे में जल्द होगा बदलाव
उत्तराखंड में पर्यटन की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने वाले पर्यटन विकास परिषद के ढांचे में जल्द बदलाव हो सकता है।
By Edited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 09:55 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 09:36 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में पर्यटन की परियोजनाओं को धरातल पर उतारने वाले पर्यटन विकास परिषद के ढांचे में जल्द बदलाव हो सकता है। पर्यटन विभाग में कार्य की अधिकता और मौजूदा ढांचे की विसंगतियों को देखते हुए यह कदम उठाने की तैयारी है। इसके लिए दूसरे राज्यों के पर्यटन से संबधित विभाग और परिषदों के ढांचे पर नजर दौड़ाई जा रही है। इनका विस्तृत अध्ययन करने के बाद परिषद के नए ढांचे का गठन किया जाएगा।
प्रदेश में इस समय बड़ी संख्या में पर्यटन विकास से संबंधित योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं को धरातल पर उतारने का जिम्मा पर्यटन विकास परिषद का है। पर्यटन विकास परिषद का गठन वर्ष 2001 में किया गया था। मकसद यह कि नवगठित राज्य को पर्यटन प्रदेश बनाने का काम पर्यटन विकास परिषद के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए परिषद के मुख्यालय स्तर पर पदों का सृजन भी किया गया। परिषद के वर्तमान ढांचे पर नजर डालें तो इसकी अगुवाई सीइओ यानी मुख्य अधिशासी अधिकारी करते हैं।
अमूमन यह पद सचिव पर्यटन के जिम्मे ही होता है। इसके अलावा इसमें एसीइओ के अलावा तीन पद निदेशक के हैं। जिसमें वित्त, नियोजन और तकनीकी सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती की जाती है। इसके अलावा दो पद अपर निदेशक, और दो पद संयुक्त निदेशक के हैं। फिलहाल एक अधिकारी को पदोन्नत करने के लिए अपर निदेशक का एक पद रखते हुए संयुक्त निदेशक के तीन पद कर दिए गए हैं।
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इसके अलावा इसमें डिप्टी डायरेक्टर के पद भी स्वीकृत हैं। इनके नीचे जिलों में जिला पर्यटन अधिकारियों के पद हैं। अभी विभाग में यह स्पष्ट नहीं है कि कौन किसे रिपोर्ट करेगा। इसे देखते हुए पूर्व में शासन स्तर पर कई बार नाराजगी भी जताई जा चुकी है। अब शासन में ढांचे में बदलाव करने को नए सिरे से कसरत चल रही है।
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