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Tokyo Olympic: हाकी के 'तारणहार' को दून में हुआ था हाकी से 'प्यार', देहरादून में बीता ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक का बचपन

Tokyo Olympic 41 साल बाद हाकी में पदक का सूखा समाप्त होने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी सुर्खियों में हैं। खास बात यह है कि नवीन पटनायक का हाकी के साथ देहरादून से भी गहरा नाता रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 10:27 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 10:27 PM (IST)
Tokyo Olympic: हाकी के 'तारणहार' को दून में हुआ था हाकी से 'प्यार', देहरादून में बीता ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक का बचपन
हाकी में पदक का सूखा समाप्त होने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी सुर्खियों में हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Tokyo Olympic 41 साल बाद हाकी में पदक का सूखा समाप्त होने के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी सुर्खियों में हैं। वह इसलिए कि उनकी सरकार ने भारतीय हाकी में न सिर्फ जान फूंकी, बल्कि उसे फिर से खड़ा किया। नतीजा, टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक के रूप में सामने है। खास बात यह है कि नवीन पटनायक का हाकी के साथ देहरादून से भी गहरा नाता रहा है। उनका बचपन देहरादून में ही बीता। यहीं उनकी शुरुआती शिक्षा-दीक्षा हुई और यहीं उनके मन में हाकी के लिए प्यार भी पनपा। स्कूली जीवन में वह हाकी के बेहतरीन खिलाड़ी रहे। प्रतिष्ठित द दून स्कूल में पढ़ाई के दौरान वह स्कूल की हाकी टीम में गोलकीपर की भूमिका निभाते थे।

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टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक अपने नाम करने वाली भारतीय पुरुष हाकी टीम के प्रदर्शन पर आज पूरा देश इतरा रहा है। हर तरफ हाकी के सुनहरे दौर की वापसी की चर्चा हो रही है। इसका श्रेय ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भी जाता है। इससे दूनवासियों में दोहरी खुशी है। दरअसल, 1950 के दशक में नवीन पटनायक ने जीवन के कई वर्ष दून में ही बिताए। उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय जाने से पहले की पढ़ाई उन्होंने दून के दो प्रतिष्ठित विद्यालयों वेल्हम ब्वायज स्कूल और द दून स्कूल में पूरी की थी।

पढ़ाई में मेधावी होने के साथ पटनायक खेलों में भी अव्वल थे। खेलों में उन्हें हाकी सबसे ज्यादा पसंद था। शायद हाकी के खेल के प्रति इसी प्यार के चलते उन्होंने आर्थिक तंगी से जूझ रही भारतीय पुरुष और महिला हाकी टीम को करीब चार साल पहले स्पांसर (आर्थिक संरक्षण देने) करने का निर्णय लिया। इस लिहाज से हाकी टीम को आगे बढ़ाने और ऊंचाई देने में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

सहारा से करार टूटा तो मदद के लिए आगे आई ओडिशा सरकार

सहारा के साथ स्पांसरशिप का करार टूटने के बाद ओडिशा सरकार ने वर्ष 2018 में हाकी इंडिया के साथ पांच साल का करार किया था। यह करार वर्ष 2023 तक है। इसके अलावा ओडिशा सरकार विश्व स्तरीय प्रशिक्षण, अभ्यास, पिच और प्रतियोगिताओं के जरिये भी भारतीय हाकी को नया जीवन दे रही है। करार किए जाने वाले वर्ष में ही नवीन पटनायक को इंटरनेशनल हाकी फेडरेशन ने 'प्रेसिडेंट्स अवार्ड' से नवाजा था।

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संगीता कैन (प्रिंसिपल, वेल्हम ब्वायज स्कूल) का कहना है कि टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय पुरुष हाकी टीम को देश के लिए पदक जीतने पर शुभकामनाएं। हाकी टीम की यह जीत कई मायनों में महत्वपूर्ण है। मुझे यकीन है कि यह जीत युवा पीढ़ी और स्कूलों को हाकी को पसंदीदा खेल के रूप में लेने के लिए प्रेरित करेगा। उम्मीद है कि इस बार वेल्हम ब्वायज स्कूल के वार्षिक हाकी टूर्नामेंट द कंधारी मेमोरियल से भी देश के लिए बेहतरीन प्रतिभाएं निकल कर आएं।

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