Dussehra 2020: त्योहारी सीजन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, आठ जोन; 21 सेक्टर में बंटी राजधानी
Dussehra 2020 रक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जिले को आठ जोन 21 सेक्टर और 50 सब सेक्टर में बांट कर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। डीआइजी ने बताया कि पीक आवर में थाने-चौकी के अन्य स्टाफ को फील्ड मूवमेंट पर रहने के निर्देश दिए।
देहरादून, जेएनएन। Dussehra 2020 त्योहारी सीजन में सुरक्षा को लेकर कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जिले को आठ जोन, 21 सेक्टर और 50 सब सेक्टर में बांट कर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि पीक आवर में थाने-चौकी के अन्य स्टाफ को आवश्यकता के अनुसार फील्ड मूवमेंट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
पटेलनगर में 22 सितंबर को सराफा कारोबारी से लूट और बीस अक्टूबर को केमिस्ट शॉप मालिक से हुई वारदात के बाद पुलिस ने शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक में चौकसी तेज कर दी है। दरअसल, कोरोना काल की लंबी पाबंदी के बाद अनलॉक-पांच में बाजारों में चहल-पहल काफी बढ़ गई है। इसका सबसे बड़ा कारण दशहरा और उसके बाद दीपावली का पर्व है, जिसमें अधिकांश लोग खरीददारी को निकलते हैं। व्यापारियों का कारोबार बढ़ने के साथ ही नकदी का आदान-प्रदान बढ़ने से लूटपाट की घटनाओं की आशंका भी बढ़ जाती है।
इसे देखते हुए विजयदशमी पर्व के मद्देनजर शांति और कानून व्यवस्था, यातायात व्यवस्था ड्यूटी के लिए पुलिस व्यवस्था को आठ जोन, 21 सेक्टर व 50 सब सेक्टर में बांटा गया है। पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों को जोन का प्रभारी, जबकि सेक्टरों के प्रभारी थानाध्यक्ष बनाए गए हैं। वहीं, सब सेक्टर में चौकी प्रभारी व उपनिरीक्षक नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा चार कंपनी पीएसी, अग्निशमन को जोन व सेक्टर में तैनात किया गया है।
डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि त्योहारों को देखते हुए सुरक्षा के बेहद कड़े प्रबंध किए गए हैं। आवश्यकता के अनुसार आने वाले दिनों में इसे और बढ़ाया जाएगा। अपराधी तत्वों पर नजर रखने के लिए नियमित चेकिंग भी की जा रही है।
यह भी पढ़ें: Dussehra 2020: 72 साल में पहली बन्नू बिरादरी नहीं मनाएगी दशहरा, जानिए वजह
दस फीट से ज्यादा नहीं होगी पुतलों की ऊंचाई
25 अक्टूबर को मनाए जाने वाले दशहरा पर्व के लिए जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने शुक्रवार को गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक पर्व पर रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ के पुतलों की ऊंचाई 10 फीट तक सीमित रहेगी और 50 से अधिक लोग पुतला दहन के स्थान पर एकजुट नहीं हो पाएंगे। इसके साथ ही दशहरा पर्व पर लगने वाले मेलों को भी प्रतिबंधित किया गया है, जिसका अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।