उत्तर प्रदेश सीमा पर राजाजी के टाइगर, सहमा महकमा
राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघ अब उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हरिद्वार वन प्रभाग के जंगलों में पलायन कर रहे हैं।
देहरादून, [केदार दत्त]: राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ी संख्या सुकून देने के साथ ही चिंता का सबब भी बन गई है। यहां के बाघ अब उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हरिद्वार वन प्रभाग के जंगलों में पलायन कर रहे हैं। बेहद संवेदनशील समझी जाने वाली दोनों राज्यों की इस सीमा पर बाघों के शिकार की आशंका से वन्यजीव महकमा सहमा हुआ है। हालांकि, दावा किया गया है कि सीमा पर चौकसी बढ़ाने के साथ ही इसके लिए अतिरिक्त फंड जारी किया गया है। यही नहीं, पश्चिमी सीमा में निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग पर वन्यजीव गलियारा जल्द तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला और गौहरी रेंजों में पूर्व में बाघों की तादाद 14 से 18 के बीच थी, जो अब बढ़कर 34 से 37 के मध्य पहुंच गई है। बाघों की बढ़ी संख्या के साथ अब वन्यजीव महकमे की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। असल में राजाजी टाइगर रिजर्व से गुजर रहे देहरादून -हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। इस पर मोतीचूर के नजदीक मोतीचूर-चीला वन्यजीव गलियारा भी है। इसकी धीमी गति के कारण इस गलियारे में अभी तक फ्लाईओवर नहीं बन पाया है।
इस सबके चलते चीला रेंज से बाघ पश्चिमी हिस्से में नहीं आ पा रहे और ये रिजर्व से सटे हरिद्वार वन प्रभाग में पलायन कर रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से दोनों राज्यों की यह सीमा बेहद संवेदनशील मानी जाती है। ऐसे में वहां बाघों के शिकार की आशंका से महकमे की चिंता बढ़ गई है। हाल में ही दोनों राज्यों की सीमा पर एक बाघ की सड़क दुर्घटना में मौत भी हो गई थी।
प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डीवीएस खाती के मुताबिक हरिद्वार प्रभाग में उप्र की सीमा तक बाघ देखे गए हैं। इसे देखते हुए हरिद्वार प्रभाग में दोनों राज्यों की सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। पेट्रोलिंग के लिए 18 लाख की अतिरिक्त राशि दी गई है। इससे पहले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के साथ ही कैंपा निधि से 25-25 लाख रुपये की राशि भी दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश वन विभाग के आला अधिकारियों से भी संपर्क साधा गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मोतीचूर-चीला गलियारे में फ्लाईओवर का जल्द निर्माण कराने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजमार्ग खंड को पत्र लिखा गया है।
यह भी पढ़ें: कॉर्बेट में सैलानियों को हर हाल में होंगे बाघ के दीदार
यह भी पढ़ें: कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा के इंतजामों का ऑडिट