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Dehradun Crime News: इंटरनेट पर साइबर ठगों का जाल, बहरूपिया बन हड़प रहे माल

देहरादून में साइबर क्राइम बढ़ते जा रहे हैं। रोज कोई न कोई साइबर क्राइम का मामला सामने आ रहा है। आज देहरादून में एक साथ अलग अलग तीन मामले सामने आए। पीड़ितों ने पुलिस ने इसकी शिकायत की जिस पर मामले दर्ज कर लिए गए।

By Edited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 08:26 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 08:42 PM (IST)
Dehradun Crime News: इंटरनेट पर साइबर ठगों का जाल, बहरूपिया बन हड़प रहे माल
इंटरनेट मीडिया पर साइबर ठगों का जाल दिनोंदिन घना होता जा रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। इंटरनेट मीडिया पर साइबर ठगों का जाल दिनोंदिन घना होता जा रहा है। ये बहरूपिये लुभावने विज्ञापन दिखाकर और विभिन्न आनलाइन कार्यों के नाम पर भोले-भाले व्यक्तियों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं। रोजाना ऐेसे कई मामले सामने आने से पुलिस की चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। बुधवार को भी दून में साइबर ठगी के तीन नए मामले सामने आए। इनमें से एक शख्स को नौकरी का झांसा देकर शिकार बनाया गया तो अन्य दो लोग को सिम कार्ड की केवाईसी के सत्यापन और इंश्योरेंस पालिसी में लाभ दिलाने के नाम पर ठगा गया।

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केस-एक

दून के सुशील गोदियाल को एक जालसाज ने नौकरी के नाम पर ठग लिया। साइबर थाना पुलिस से की गई शिकायत में सुशील ने बताया कि फेसबुक पर नौकरी का एक विज्ञापन देखा था। इसमें मांगी गई शैक्षिक योग्यता उपयुक्त देख उन्होंने दी गई ई-मेल आइडी पर इसी 14 सितंबर को संपर्क किया। विज्ञापनदाता ने खुद को सीलिंक शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड की ओर से बताते हुए एक अक्टूबर को सुशील को काल किया और ई-मेल के माध्यम से शैक्षिक प्रमाण पत्र भेजने को कहा। दो अक्टूबर को दोबारा फोन कर उन्हें कहा गया कि सात अक्टूबर को चेन्नई पोर्ट पर आने वाले शिप में ज्वाइनिंग करनी है। जिसके लिए सर्विस चार्ज के रूप में उन्हें डेढ़ लाख रुपये जमा कराने होंगे। आरोपित के बताए बैंक खाते में डेढ़ लाख रुपये जमा कर सुशील पांच अक्टूबर को चेन्नई पोर्ट पहुंच गए। लेकिन, न तो उन्हें जहाज में ज्वाइनिंग मिली और न ही संबंधित व्यक्ति से संपर्क हो पाया।

केस-दो

दून के अंसारी रोड निवासी ओएनजीसी के रिटायर्ड कर्मी ने साइबर सेल में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। इसमें बताया कि 20 अक्टूबर को उन्हें एक शख्स का फोन आया, जिसने खुद को बीएसएनएल का कर्मचारी बताया। आरोपित ने उन्हें केवाईसी सत्यापन के लिए एक एप डाउनलोड करने को कहा। जिसमें बैंक संबंधी जानकारी भी मांगी गई थी। एप में उन्होंने डेबिट कार्ड की डिटेल भर दी। इसके बाद आरोपित ने उनसे ओटीपी मांगा। ओटीपी बताने के कुछ मिनट बाद उन्हें एसबीआइ की ओर से खाते से 39,500 रुपये कटने का मैसेज आया। कुछ देर बाद उनके खाते से 12,600 रुपये और कट गए। उक्त नंबर पर संपर्क करने पर फोन स्विच आफ आया।

केस-तीन

सिंगल मंडी निवासी हिना केसर ने भी साइबर थाना पुलिस से ठगी की शिकायत की है। साइबर ठग ने खुद को एचडीएफसी बैंक का पालिसी एजेंट बताकर उनसे 90 हजार रुपये से अधिक की धोखाधड़ी कर ली। हिना के पति कुवैत में नौकरी करते हैं। उनकी एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की पालिसी है। पालिसी का प्रीमियम हिना आनलाइन भरती थीं। कोरोनाकाल में आई आर्थिक तंगी के कारण पिछले दो वर्ष से वह पालिसी का प्रीमियम जमा नहीं कर पाईं। पालिसी में जो मोबाइल नंबर दर्ज है, वह उनके भाई का है। 16 अक्टूबर को उस नंबर पर एक शख्स का फोन काल आया, जिसने खुद को बैंक का पालिसी एजेंट बताया और प्रीमियम नहीं भरे जाने के कारण पालिसी बंद होने की बात कही। साथ ही उन्हें पालिसी जारी रखने के लिए एक नंबर पर संपर्क करने को कहा। विश्वास दिलाया कि उनका प्रीमियम सीधे बैंक में जमा होगा और एजेंट का कमीशन बच जाएगा। इसके अलावा उन्हें सिर्फ एक साल का ही प्रीमियम भरना होगा। इस पर भरोसा कर उन्होंने आरोपितों के बताए खाते में 90,928 रुपये ट्रांसफर कर दिए। अब आरोपितों से संपर्क नहीं हो रहा।


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