तीन आइपीएस अफसरों ने केंद्र में प्रतिनियुक्ति को दी अर्जी
प्रदेश के तीन वरिष्ठ आइपीएस अफसरों ने केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए अनुरोध किया है। इनकी अर्जी अभी गृह विभाग को भेजी गई है, जहां से स्वीकृति मिलने के बाद अर्जी डीओपीटी भेजी जाएगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश के तीन वरिष्ठ आइपीएस अफसरों ने केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने की अर्जी लगाई है। पुलिस मुख्यालय ने इन अधिकारियों की अर्जी गृह विभाग को भेज दी है। जहां से अर्जी डीओपीटी को भेजी जाएगी। डीओपीटी की स्वीकृति मिलने के बाद इन अधिकारियों को केंद्र में तैनाती स्थल आवंटित होंगे।
आइपीएस अफसरों को आइजी रैंक तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का अवसर मिलता। यही कारण है कि अफसर सिविल पुलिस से हटकर सीबीआइ, बीएसएफ, आइबी जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों के कामकाज से रूबरू होना चाहते हैं। इसके अलावा अफसर दूसरे कैडर में भी जाने का प्रस्ताव दे सकते हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि आइजी लॉ एंड ऑर्डर दीपम सेठ, ट्रैफिक निदेशक डीआइजी केवल खुराना और एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने केंद्रीय नियुक्ति पर जाने की अर्जी दी है। हालांकि, अभी अर्जी स्वीकृति नहीं हुई है। गृह विभाग की अनुमति के बाद तीनों की अर्जी डीओपीटी को भेजी जाएगी। बताया जा रहा है कि इन अफसरों ने सीबीआइ और आइबी में जाने की अर्जी दी है।
पांच अफसर पहले ही प्रतिनियुक्ति पर
प्रदेश के पांच वरिष्ठ आइपीएस अफसर पहले से ही प्रतिनियुक्ति पर चल रहे हैं। इनमें से डीजीपी रहे एमए गणपति, आइजी रैंक के अधिकारी वी मुरूगेशन सीबीआइ में पिछले सात सालों से तैनात हैं। जबकि आइपीएस निलेश आनंद भरणे, अनंत शंकर ताकवाले और डॉ. सदानंद दाते सीबीआइ में प्रतिनियुक्ति पर गए हैं।
नाराजगी के रूप में भी देखी जाती है प्रतिनियुक्ति
राज्य से दूसरी जगह प्रतिनियुक्ति लेने को कई बार नाराजगी के रूप में देखा जाता है। मनमाफिक पोस्टिंग न मिलना या फिर मुख्य धारा से अलग-थलग पड़ जाने के बाद अधिकारी केंद्र की प्रतिनियुक्ति का रास्ता अख्तियार करते हैं। हालांकि, वर्तमान में जो अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर गए हैं, उनके जाने के आधार दूसरे कारण है। लेकिन, लंबे समय से मुख्य धारा से कट जाने और काम करने का मौका न मिलने से प्रतिनियुक्ति का रास्ता अपनाते हैं।