Move to Jagran APP

उत्तराखंड में थमी बारिश और बर्फबारी, मुश्किलें बरकरार; तीन सौ गांव अलग थलग

उत्तराखंड में तीन दिन तक चला बारिश और बर्फबारी का दौर थम गया गया। अभी पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बरकरार हैं। करीब तीन सौ गांव बर्फबारी के चलते अलग-थलग पड़ गए।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 11:17 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 11:57 AM (IST)
उत्तराखंड में थमी बारिश और बर्फबारी, मुश्किलें बरकरार; तीन सौ गांव अलग थलग
उत्तराखंड में थमी बारिश और बर्फबारी, मुश्किलें बरकरार; तीन सौ गांव अलग थलग

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में तीन दिन तक चला बारिश और बर्फबारी का दौर थम गया गया। गुरुवार सुबह मैदानी क्षेत्र में कुछ देर कोहरा जरूर रहा, लेकिन अधिकांश स्थानों पर धूप निकलने से लोगों ने राहत महसूस की। इसके बावजूद अभी पर्वतीय क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बरकरार हैं। करीब तीन सौ गांव बर्फबारी के चलते अलग-थलग पड़ गए। वहीं करीब चार सौ गांवो में बिजली भी गुल है। 

loksabha election banner

बुधवार की शाम से देर रात तक मसूरी में जोरदार बर्फबारी हुई। वहीं, पौड़ी में भी सीजन का पहला हिमपात हुआ। मौसम के तेवरों से प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आलम यह है कि तीन सौ से ज्यादा गांव जिला मुख्यालयों से कट गए हैं, जबकि करीब 400 गांवों में बिजली गुल है। 

दो दर्जन से अधिक सड़कों पर आवागमन ठप हो गया है। भारी बर्फबारी के कारण औली जाने वाली सड़क समेत गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे के साथ ही कुमाऊं के पिथौरागढ़ में थल-मुनस्यारी मार्ग नहीं खोले जा सके। 

प्रदेश में मंगलवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच पहाड़ों में जमकर हिमपात हुआ। केदारनाथ में करीब सात फीट बर्फ एकत्रित हो गई है। पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे 50 से ज्यादा लोग तीन दिन से अपने टेंट में ही दुबके हुए हैं। रुद्रप्रयाग जिले में तुंगनाथ, चोपता और चिरबटिया में लगातार हिमपात से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। 

उत्तरकाशी में हर्षिल घाटी बर्फ से सफेद हो गई है। गंगोत्री हाईवे बंद होने के कारण 30 गांव अलग-थलग पड़ गए हैं। दूसरी ओर देहरादून जिले के चकराता की पहाडिय़ां भी बर्फ से लकदक हैं। चकराता जाने वाली सड़क पर यातायात ठप है। मूसरी के आसपास की पहाड़ियों पर देर रात तक रुक-रुक कर बर्फ गिरती रही। 

मसूरी में पारा शून्य से नीचे

मौसम के तल्ख मिजाज से समूचा उत्तराखंड शीतलहर की चपेट में है। मसूरी, जोशीमठ, मुक्तेश्वर और चम्पावत में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। वहीं तीन अन्य शहरों में न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस से भी कम रहा। इसके अलावा अधिकतम तापमान ने भी गोता लगाया। प्रदेश के आठ शहरों में यह दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू पाया।

हवाई सेवा पर भी असर

हवाई सेवा पर भी मौसम का असर नजर आया। देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर एयर इंडिया की दो फ्लाइट लैंड नहीं कर पाईं। वहीं शाम की दो फ्लाइट रद कर दी गईं। देहरादून और पंतनगर के बीच भी विमान उड़ान नहीं भर पाया।

कार पर गिरा बोल्डर, बाल-बाल बचे  यात्री

मौसम अब जान लेवा साबित होने लगा है। मंगलवार को चमोली जिले में भूस्खलन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत के बाद बुधवार को ऋषिकेश के पास एक कार पर बोल्डर आ गिरा। हादसे में कार में सवार तीन लोग बाल-बाल बच गए, जबकि चालक को चोट आई हैं। 

ये सभी देहरादून से टिहरी जा रहे थे। टिहरी की एसडीएम युक्ता मिश्रा ने बताया कि कार चालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दूसरी ओर रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड के पास पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर दो लोग घायल हो गए।

सर्दी के 'टॉर्चर' से कांपे दून और मसूरी

दून और मसूरी समेत पूरा उत्तराखंड इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है। तीन दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश के बाद बुधवार शाम से देर रात तक मसूरी में जोरदार हिमपात हुआ। वहीं, दून में बुधवार की देर रात तक बारिश का दौर चला। तेज हवाएं चलने से यहां सर्दी का सितम और बढ़ गया। दून समेत मसूरी में शीत दिवस के हालात बने हुए हैं। 

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शीत लहर का प्रकोप अभी बरकरार रहेगा। दून में अधिकतम तापमान में गिरावट आने से दिनभर ठिठुरन बनी रही। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अब अगले कुछ दिन मौसम राहत दे सकता है। हालांकि, 12 जनवरी से फिर बारिश-बर्फबारी का दौर शुरू हो जाएगा। इस बीच देहरादून का अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 10.8 और 10.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 

48 घंटे में रिकॉर्ड 34 मिमी बारिश

दून में पिछले 48 घंटे में करीब 34 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह बारिश सामान्य से करीब चार सौ गुना अधिक है। चार साल में यह पहला मौका है, जब जनवरी के शुरुआती 10 दिन में ही इतनी बारिश हुई हो। सामान्यत: इस दौरान छह मिलीमीटर तक बारिश ही होती है। 

धनोल्टी में फंसे पर्यटकों को बुरांशखंडा पहुंचाया

प्रशासन और धनोल्टी के व्यापारियों ने धनोल्टी में फंसे अनेक वाहनों को सड़कों से बर्फ हटाकर बुरांशखंडा तक पहुंचाया। इसके बाद अधिकांश पर्यटक देहरादून की ओर रवाना हो गए, जबकि कुछ बुरांशखंडा में ही रुक गए। धनोल्टी और बुरांशखंडा में पानी-बिजली की आपूर्ति भी प्रभावित है। जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है।

बारिश व ठंड के कारण घटे मरीज

तीन दिन से लगातार हुई बारिश व सर्दी से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। इसका असर अस्पताल में भी दिख रहा है। प्रदेश के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में शुमार दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में ओपीडी काफी कम हो गई है। खराब मौसम के कारण लोग अस्पताल तक आने में संकोच कर रहे हैं।

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में शहर ही नहीं बल्कि पहाड़ के दूरस्थ क्षेत्र व यूपी-हिमाचल के सीमावर्ती इलाकों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। सामान्य दिनों में अस्पताल की ओपीडी दो से ढाई हजार के बीच रहती है। पर लगातार हो रही बारिश व ठंड का असर अस्पताल में भी दिख रहा है।

आम दिनों में मरीजों से ठसाठस रहने वाली अस्पताल की ओपीडी, पैथोलॉजी, पंजीकरण, दवा व बिलिंग काउंटर बुधवार को खाली रहे। यहां इक्का-दुक्का मरीज ही दिखाई दिए। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जगह भी यही हाल था। शहर व प्रदेश के अन्य हिस्सों में सोमवार को बारिश शुरू हुई थी। 

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Weather: लगातार तीन घंटे हिमपात, बर्फ से लकदक हुई मसूरी; पर्यटक उमड़े

पर सप्ताह का पहला दिन था, तो अस्पताल में भीड़ ठीकठाक रही। सोमवार को 1729 मरीज ओपीडी में पहुंचे। मंगलवार को यह आंकड़ा 996 पर आकर सिमट गया। वहीं बुधवार को मरीजों की संख्या और घट गई। यह संख्या 675 रही। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है। इसके अलावा ठंड भी अच्छी खासी है। यही कारण है कि ओपीडी में मरीज घट गए हैं।

यह भी पढ़ें: Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मौसम के तेवर तल्ख, मसूरी में भारी हिमपात; स्कूलों में अवकाश घोषित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.