यमुनोत्री विधानसभा से भाजपा विधायक को जान से मारने की धमकी, मुकदमा दर्ज
यमुनोत्री विधानसभा से भाजपा विधायक केदार सिंह रावत को फोन पर जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है।
देहरादून, जेएनएन। यमुनोत्री विधानसभा से भाजपा विधायक केदार सिंह रावत को फोन पर जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। इस मामले में विधायक के निजी सहायक की ओर से नेहरू कालोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस अब संदिग्ध मोबाइल नंबर की लोकेशन जुटा रही है।थानाध्यक्ष नेहरू कॉलोनी दिलबर सिंह नेगी के अनुसार, मंगलवार को विधायक के पास किसी अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि एक अधिकारी उनका फोन नहीं उठा रहा है। आरोपित ने अपना नाम डॉ. प्रमोद त्यागी बताया।
विधायक ने अधिक जानकारी मांगी तो वह अनर्गल बात करने लगा। इस पर विधायक ने फोन काट दिया। इसके बाद उसने दोबारा फोन किया और कहा कि वह अजबपुर, देहरादून का रहने वाला है और विधायक को जान से मारने की धमकी देने लगा। इस पर विधायक ने विधायक हॉस्टल में अपने निजी सहायक सूर्यपाल सिंह राणा को फोन कर इसकी जानकारी दी। मामले में सूर्यपाल की तहरीर पर डॉ. प्रमोद त्यागी के खिलाफ गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
राजद्रोह मामले में राजेश शर्मा की पुलिस रिमांड मंजूर
राजद्रोह मामले में आरोपित पत्रकार राजेश शर्मा की 24 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो गई है। रिमांड की अवधि गुरुवार सुबह दस बजे से शुक्रवार सुबह दस बजे तक होगी। उधर, नेहरू कॉलोनी पुलिस ने मुकदमे में आइटी एक्ट की भी धारा बढ़ा दी है। इस प्रकरण की जांच मसूरी इंस्पेक्टर विद्याभूषण नेगी को सौंपी गई है।नेहरू कालोनी थाने की पुलिस ने राजद्रोह मामले में पत्रकार राजेश शर्मा को 31 जुलाई की रात गिरफ्तार किया था। राजेश व उसके साथियों पर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास और सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन में सरकार के प्रति झूठ फैलाने का आरोप है।
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पुलिस ने मुकदमे में उमेश शर्मा और अमृतेश चौहान को भी आरोपित बनाया है। बता दें, 31 जुलाई को डिफेंस कॉलोनी निवासी सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. हरेंद्र सिंह रावत की तहरीर पर नेहरू कालोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसकी जांच सीओ नेहरू कालोनी पल्लवी त्यागी ने कर रिपोर्ट सौंपी थी। जांच में पाया गया था कि उमेश शर्मा की ओर से अमृतेश चौहान, राजेश शर्मा व अन्य के साथ मिलकर पोर्टल और अन्य में असत्य, निराधार व कपटपूर्ण खबरें प्रसारित कीं और सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया। पुलिस के अनुसार रिमांड के दौरान मुकदमे से जुड़े तथ्यों आदि के बारे में पूछताछ की जाएगी।
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