इस बार नहीं चला अनोखे नंबर 0001 का जादू, चार गुना नीचे लुढ़का
वाहन पर अनोखे नंबर की चाहत में हर बार रिकार्ड बना रहा 0001 नंबर इस बार चार गुना नीचे लुढ़क गया। इस बार बोली में यह नंबर महज एक लाख 25 हजार में बिका।
देहरादून, जेएनएन। अपने वाहन पर 'अनोखे' नंबर की चाहत में हर बार रिकार्ड बना रहा 0001 नंबर इस बार चार गुना नीचे लुढ़क गया। इस बार बोली में यह नंबर महज एक लाख 25 हजार में बिका, जबकि फरवरी में यही नंबर रिकार्ड स्थापित कर पांच लाख रुपये में बिका था। इस बार दूसरे नंबर पर 1111 नंबर रहा, जो 55 हजार रुपये में बिका, जबकि बोली में तीसरा नंबर 0005 का रहा, जो 38 हजार में बिका।
लग्जरी वाहनों पर अनोखे नंबरों के लिए लोग अभी तक बोली में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे थे। यही वजह थी कि सबसे प्रमुख नंबर 0001 लगातार बढ़त बना रहा था व पांच लाख रुपये तक पहुंच गया था। माना जा रहा था कि आने वाले समय में 0001 की कीमत और बढ़ती जाएगी और ये नंबर कीर्तिमान स्थापित करेगा, लेकिन इस बार यह नंबर लंबी गिरावट पर रहा। परिवहन विभाग ने इस मर्तबा यूके07-डीक्यू सीरीज की बोली लगाई थी। एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है, जब सबसे प्रमुख नंबर बोली की प्रक्रिया में इतना नीचे गिरा हो। इस मर्तबा 0002 की कीमत 35 हजार जबकि 0004 व 5555 की कीमत 27 हजार रुपये रही। इसके अलावा 0003 नंबर 26 हजार रुपये जबकि 3333 नंबर 25 हजार में बिका।
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बाकी नंबर 11 हजार रुपये या फिर मूल कीमत 10 हजार रुपये में ही बिके। बताया गया कि इस मर्तबा 0001 नंबर शिवालिक इंफ्रावेंचर प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्म ने खरीदा है। दून में विधायक व चिकित्सक ये लेकर स्कूल संचालक एवं कारोबारी इस नंबर के लिए ऊंची बोली लगाते हैं जबकि हरिद्वार में संत समाज व प्रापर्टी कारोबारियों में 0001 की भारी डिमांड है। एआरटीओ पांडे ने बताया कि जिन ग्राहकों की बोली लगी है, वह बोली की बकाया रकम को आरटीओ कार्यालय में आकर जमा करा दें। तभी यह नंबर उन्हें अलॉट होंगे। अगर तय वक्त में रकम जमा नहीं कराई गई तो बोली निरस्त कर जमानत के दस हजार रुपये की रकम जब्त कर ली जाएगी।
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