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    Jagran Film Festival: आज जागरण फिल्म फेस्टिवल का आखिरी दिन, दिखाई जाएंगी ये आठ फिल्मेंं

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 02:13 PM (IST)

    देहरादून में जागरण फिल्म फेस्टिवल के अंतिम दिन, आठ हिंदी और अंग्रेजी फिल्में दिखाई जाएंगी। अभिनेता सौरभ शुक्ला दर्शकों के साथ बातचीत करेंगे। फेस्टिवल का उद्देश्य स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाना है। 'यूएनएस', 'कारा.. ए कस्टम', 'सांग्स आफ पैराडाइज' जैसी कई फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें प्रेम, सामाजिक मुद्दे और मानवीय भावनाओं को दर्शाया गया है। 'ग्राउंड जीरो' आतंकवाद के खिलाफ मिशन पर आधारित है।

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    सुबह 9:45 बजे से रात 8:00 बजे तक चलेगा फेस्टिवल के अंतिम दिन। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, देहरादून। दुनिया के सबसे बड़े घुमंतु समारोह जागरण फिल्म फेस्टिवल (जेएफएफ) में आज तीसरे और अंतिम दिन 9:45 बजे से रात 8:00 बजे तक आठ हिंदी, अंग्रेजी फीचर और शार्ट्स फिल्में दिखाई जाएंगी। इसके अलावा दोपहर शाम चार बजे स्पेशल सेशन भी रहेगा। जिसमें अभिनेता, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक सौरभ शुक्ला अपनी बातचीत रखेंगे। इस दौरान दर्शकों के सवालों का जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासा को भी शांत करेंगे।

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    स्थानीय और देश-विदेश की बेहतरीन फिल्मों को दून के सिने प्रेमी दर्शकों तक पहुंचाने और फिल्म जगत से जुड़ी जिज्ञासा पर विराम लगाने के लिए बीते शुक्रवार को हिंदी फीचर फिल्म पुतुल के साथ जेएफएफ शुरू हुआ। कुल 20 फिल्मों में से पहले दिन चार फिल्में दिखाई गई। दूसरे दिन नौ फिल्में जबकि आज अंतिम दिन सात फिल्में प्रदर्शित होंगी। बीते सितंबर से दिल्ली से शुरू हुए जागरण फिल्म फेस्टिवल लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, आगरा, रांची, पटना, हिसार, लुधियाना के बाद अब आपके शहर दून पहुंचा है। जानते हैं आज दिखाई जाने वाली फिल्म, प्रदर्शन का समय और फिल्म के बारे में।

    हिंदी फीचर फिल्म: वर्ल्ड प्रीमियर: यूएनएस
    निर्देशक: स्पर्श शर्मा, अवधि: 74 मिनट
    प्रदर्शन: सुबह 9:45 बजे
    यूएनएस: यह एक भावनात्मक और संवेदनशील ड्रामा फिल्म है जो प्रेम, त्याग और मृत्यु-बोध के इर्द-गिर्द घूमती है। रवि सहाय नाम का एक प्रतिभावान चित्रकार जिसको पैनक्रिएटिक कैंसर (अंतिम अवस्था) का पता चलता है और चिकित्सक बताते हैं कि उसके पास अब केवल 60 दिन शेष बवते हैं। इस पर रवि अपने अधूरे मास्टरपीस पूरे करने की तीव्र इच्छा से प्रेरित होता है। साथ ही वह अपनी पत्नी मीरा को उसकी म़ृत्यु से होने वाले दर्द और भविष्य की कठिनाइयों से बचाने के लिए उससे दूरी बनाने लगता है, ताकि वह उसका बेझिझक त्याग कर सके। समय के साथ प्यार कैसे मौन और खुद-फरमाइशी बलिदान में बदल जाता है, यही फिल्म में दर्शाया गया है।

    गढ़वाली फिल्म: कारा.. ए कस्टम
    निर्देशक:सुनील बडोनी, अवधि: 161 मिनट
    प्रदर्शन: सुबह 11:15 बजे
    कारा ए कस्टम: इस फिल्म की कहानी उत्तराखंड में समाज की एक दर्दनाक सामाजिक सच्चाई पर आधारित है। फिल्म गढ़वाल के एक दूरस्थ गांव से जुड़ी है, जहां अब भी कुछ जगह पर पुरानी व अमानवीय प्रथाएं जीवित हैं। जिसमें एक पुरुष अपनी पत्नी या बहू को आर्थिक लेन-देन या सामाजिक दबाव के चलते किसी दूसरे व्यक्ति को ''''कारा'''' (सौंपना या बेचना) तय कर देता है। मुख्य किरदार गीता का है, जो एक युवा महिला है और शादी के बाद ससुराल में घरेलू हिंसा, शराबखोरी और प्रथा की जकड़न में फंस जाती है। उसके पति द्वारा उसे ''''कारा'''' में देने की बात तय कर दूसरे पुरुष को दे दिया जाता है।

    हिंदी फिल्म: सांग्स आफ पैराडाइज
    निर्देशक: दानिश रेंजू, अवधि: 106 मिनट
    प्रदर्शन: 2 बजे
    सांग्स आफ पैरेडाइज: इस फिल्म की कहानी कश्मीर की सुरम्य वादियों में बसी हुई है, एक ऐसी जगह जहां सुंदरता के साथ संघर्ष, और संगीत के साथ सन्नाटा भी गूंजता है। इसमे मुख्य किरदार जीबा अख्तर (सबा आजादद) एक युवा कश्मीरी लड़की है, जिसे संगीत से बेहद लगाव है। बचपन से वह रेडियो पर पुराने कश्मीरी गीत सुनती है और सपना देखती है कि एक दिन उसकी आवाज भी आसमान में गूंजेगी। ...लेकिन जीबा ऐसे समाज में पली-बढ़ी है, क्योंकि उसके पिता एक सख्त इंसान हैं और उनके यहां महिलाओं के लिए गाना गाना ''''शर्मनाक'''' माना जाता है।

    इंडियन फीचर: शेड्स आफ लाइफ
    निर्देशक: संगीना ब्रह्मा, अवधि: 93 मिनट
    प्रदर्शन: शाम 5:40 बजे।
    शेड्स आफ लाइफ: इस फिल्म की कहानी एक ऐसे ग्रामीण क्षेत्र में शुरू होती है जहां लोग गरीबी, शिक्षा की कमी और सामाजिक भेदभाव से जूझ रहे हैं। इसमें मुख्य पात्र एक युवा महिला का है (जिसकी भूमिका संगीना ब्रह्मा ने निभाई है), वह बचपन से ही अपने गांव में बदलाव लाने का सपना देखती है। वह चाहती है कि लड़कियां पढ़ाई करें, आत्मनिर्भर बनें और अपने आप को शीर्ष पर पहुंचाएं।

    इंडियन शार्ट्स: द स्ट्रिंग आफ द साेल
    निर्देशक: सुजाथा राजशेखर, अवधि: 30 मिनट
    प्रदर्शन: शाम 7:15 बजे।
    द स्ट्रिंग्स आफ द सोल: यह फिल्म एक भावुक और बौद्धिक कथा है जो रिश्तों और तन्हाई समेत मानवदया के इर्द-गिर्द बुनी गई है। इसके केंद्र में सैंडी नाम का एक छोटा लड़का है, जो परिवार में अपनत्व व प्यार की कमी महसूस करता है, क्योंकि उसके घर में सफलता और भौतिक उपलब्धियां अधिक महत्व रखती हैं। सैंडी को एक साथी की जरूरत होती है, जिस पर वह एक कुत्ते (जिसका नाम स्काच होता है) को अपनाना चाहता है, ताकि उसे एक दोस्त और भावनात्मक सहारा मिल सके।

    इंडियन शार्ट्स: 3 एएम
    निर्देशक: सौम्या उपाध्याय, अवधि: 4 मिनट
    प्रदर्शन: शाम 7:20 बजे
    3 एएम: रात के सन्नाटे में सुबह तीन बजे का समय, जब पूरा शहर सो रहा होता है, उस समय एक अकेला व्यक्ति अपनी भूख से जागता है। शुरू में यह साधारण भूख लगती है, लेकिन धीरे-धीरे यह भूख वास्तविक और काल्पनिक के बीच की सीमा धुंधला देती है। फिल्म का किरदार खाना तलाशने निकलता है, पर जो भी दिखता है वह या तो भ्रम है या उसकी अपनी मनोस्थिति का प्रक्षेपण। फिल्म भूख की इसी जिद्दोजहद को दर्शाती है।

    इंडियन शार्ट्स: स्ट्रेंजर्स इन ए पार्क
    निर्देशक: लक्ष्य खेत्रपाल, अवधि: 15 मिनट
    प्रदर्शन: शाम 7:35 बजे।
    स्ट्रेंजर्स इन ए पार्क: फिल्म की पृष्ठभूमि एक शांत, सुनसान पार्क की है, जो शहर के बीचों-बीच तो है, लेकिन है अजीब तरह से एकाकी। इसमें दो अनजान लोग अचानक मिलते हैं, जिनमें एक युवा है, जो जीवन से निराश व थका हुआ है और दूसरी एक महिला है, जो अपने अतीत के बोझ से छुटकारा पाने की कोशिश कर रही होती है। शुरुआत में दोनों के बीच औपचारिक व हल्की बातचीत होती है, लेकिन मौसम, पक्षी, पार्क की शांति जैसी स्थिति उनके जीवन में क्या बदलाव लाएगी, यही फिल्म की कहानी है।

    क्लाजिंग फिल्म इंडियन फीचर: ग्राउंड जीओ
    निर्देशक: तेजस प्रभा विजय देवोस्कर अवधि: 134 मिनट
    प्रदर्शन: रात 8 बजे।
    ग्राउंड जीरो: फिल्म की कहानी कश्मीर घाटी के संवेदनशील व आतंकग्रस्त माहौल में फिल्माई गई है। इसमें
    मुख्य पात्र नरेंद्रनाथ धर दुबे नाम के व्यक्ति का दिखाया गया है, जो एक ईमानदार और दृढ़निश्चयी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकारी है। उसे घाटी में चल रहे ''''ग्राउंड जीरो'''' मिशन पर भेजा जाता है, क्योंकि यह मिशन आतंकवादी संगठन और उनके सरगना गाजी बाबा को खत्म करने के लिए चलाया जाता है। फिल्म में मुख्य किरदार इमरान हाशमी ने निभाया है।

    क्यूआर कोड स्कैन कर ले सकते हैं टिकट

    जागरण फिल्म फेस्टिवल में आने के लिए 18 वर्ष से अधिक आयु के लोग क्यूआर कोड को स्कैन कर टिकट ले सकते हैं। आप बुक माय शो के लिंक https://in.bookmyshow.com/events/jagran-film-festival-dehradun-chapter/ET00456001?webview=true से टिकट ले सकते हैं।