नए साल में महिला सुरक्षा और स्वरोजगार बढ़ाने का होगा काम
प्रदेश में नए साल में महिला सुरक्षा स्वच्छता के साथ ही उन्हें रोजगार देने की दिशा में विशेष फोकस रखा जाएगा। इसके तहत चौबीस घंटे वाहन की सुविधा मिलेगी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में नए साल में महिला सुरक्षा, स्वच्छता के साथ ही उन्हें रोजगार देने की दिशा में विशेष फोकस रखा जाएगा। इसके तहत महिलाओं को आपात स्थिति में सखी, वन स्टॉप सेंटर के जरिये चौबीस घंटे वाहन की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा गढ़वाल अथवा कुमाऊ मंडल में सेनेट्री नेपकिन बनाने की बड़ी यूनिट खोली जाएगी, जिसमें महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिये नेपकिन बनाने का कार्य किया जाएगा।
उत्तराखंड महिलाओं के लिए खासा सुरक्षित प्रदेश माना जाता है। बावजूद इसके बीते वर्षों में कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं जिनसे सीख लेकर सरकार ने महिला सुरक्षा की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। इन्हीं में से एक है वन स्टॉप सेंटर यानी सखी। यहां ङ्क्षहसा एवं उत्पीडऩ झेल रही महिलाओं को मदद दी जाती है। इसके तहत पीडि़त महिलाएं टोल फ्री नंबर 181 पर डायल कर अपनी समस्या बताती हैं। वन स्टॉप सेंटर के जरिये न केवल कुछ दिनों तक रहने, खाने व स्वास्थ्य के लिए सुविधाएं दी जाती हैं बल्कि कानूनी मदद भी दी जाती है। पांच दिन बाद उन्हें नारी निकेतन अथवा महिला छात्रावास भेजा जाता है। प्रदेश के हर जिले में ये सेंटर खोले गए हैं और यह योजना काफी सफल भी रही है। अब इस योजना का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसके तहत वन स्टॉप सेंटर के जरिये आपात स्थिति में महिलाओं को चौबीस घंटे वाहन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसकी शुरुआत फिलहाल देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों से होगी। सरकार की मंशा इसे महिला दिवस यानी आठ मार्च से शुरू करने की है। योजना की सफलता पर इसका दायरा अन्य जिलों में भी बढ़ाया जाएगा।
इसके अलावा नए वर्ष में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग पुरानी योजना से सबके लेते हुए नए सिरे से सेनेट्री नेपकिन बनाने की योजना बना रहा है। मकसद यह कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को एक रुपये कीमत का सेनेट्री नेपकिन उपलब्ध कराया जा सके। पहले विभाग तीन रुपये का नेपकिन बेच रहा था लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने एक रुपये कीमत का नेपकिन देना शुरू कर दिया। इससे महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग का सेनेट्री नेपकिन बनाने का कार्य रुक गया। अब नए सिरे से कम कीमत पर इसे बनाने की तैयारी चल रही है।
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रेखा आर्य ( राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास) का कहना है कि नए वर्ष में विभाग का फोकस महिलाओं की सुरक्षा, स्वच्छता और स्वरोजगार पर रहेगा। विभाग की मंशा महिला एवं बाल कल्याण समिति के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों का विस्तार करना है।
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