प्रदेश सरकार पर चालू वित्तीय वर्ष में रहेगा अतिरिक्त दबाव, बजट आकार और खर्च में 24379 करोड़ का फासला
वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी प्रदेश के वार्षिक बजट खर्च पर कोरोना महामारी की मार पड़ी है। 31 मार्च 2022 तक बजट खर्च के आंकड़े इस सच से पर्दा उठा रहे हैं। कुल बजट प्रविधान में से खर्च करने के लिए काफी कम धनराशि स्वीकृत हुई।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश सरकार पर चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में बजट निर्माण और खर्च को लेकर अतिरिक्त दबाव रहेगा। बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल बजट आकार और खर्च में अंतर 24379.30 करोड़ रहा। करीब 29 प्रतिशत धनराशि स्वीकृति को तरस गई। 64485.18 करोड़ के बजट प्रविधान में से मात्र 40105.88 करोड़ की राशि खर्च हो पाई।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी प्रदेश के वार्षिक बजट खर्च पर कोरोना महामारी की मार पड़ी है। 31 मार्च, 2022 तक बजट खर्च के आंकड़े इस सच से पर्दा उठा रहे हैं। कुल बजट प्रविधान में से खर्च करने के लिए काफी कम धनराशि स्वीकृत हुई। खर्च के लिए 45797.38 करोड़ की राशि स्वीकृत हो पाई। यह कुल बजट प्रविधान का 71.02 प्रतिशत है। स्वीकृत धनराशि का 87.57 प्रतिशत से अधिक हिस्सा खर्च किया जा सका है।
सीएसएस में 7657 करोड़ की राशि का उपयोग
केंद्रपोषित योजनाओं (सीएसएस) के मद में भी बजट स्वीकृति और खर्च में कमी रही है। इस मद में कुल बजट आकार 14302.09 करोड़ रहा। इसमें से खर्च के लिए मात्र 9686.45 करोड़ स्वीकृत किया गया। यह बजट का आकार सिर्फ 67.73 प्रतिशत है। इसमें से 7657.86 करोड़ की राशि का उपयोग हुआ है। यह स्वीकृत बजट की तुलना में 79.06 प्रतिशत है।
ईएपी में 988 करोड़ हुए खर्च
बाह्य सहायतित परियोजना (ईएपी) कुल बजट प्रविधान 1801.67 करोड़ रहा। इसमें से खर्च के लिए 1419.63 करोड़ स्वीकृत किए गए, लेकिन खर्च केवल 988.73 करोड़ ही हुए। स्वीकृत बजट का यह 69. 65 प्रतिशत है। जिला योजना में बजट स्वीकृति और खर्च की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रही है। जिला योजना के लिए बजट 698.78 करोड़ में से खर्च के लिए इतनी ही राशि स्वीकृत हुई। खर्च 695.88 करोड़ हुए। यह 99.46 प्रतिशत है।