Move to Jagran APP

केदारपुरी में जगह-जगह प्लास्टिक और कूड़ा बिखेर रहे श्रद्धालु, पर्यावरण की दृष्टि से काफी संवेदनशील है यह प्रतिबंधित वन क्षेत्र

केदारपुरी उच्च हिमालयी क्षेत्र में समुद्रतल से 11657 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस क्षेत्र को सरकार ने प्रतिबंधित वन क्षेत्र घोषित किया हुआ है। केदारपुरी में जगह-जगह प्लास्टिक की खाली बोतल व कूड़ा जगह-जगह बिखरा हुआ है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 08:18 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 08:18 PM (IST)
केदारपुरी में जगह-जगह प्लास्टिक और कूड़ा बिखेर रहे श्रद्धालु, पर्यावरण की दृष्टि से काफी संवेदनशील है यह प्रतिबंधित वन क्षेत्र
केदारपुरी में जगह-जगह प्लास्टिक की खाली बोतल व कूड़ा जगह-जगह बिखरा हुआ है।

संवाद सहयोगी, रुद्रप्रयाग: हजारों की संख्या में रोजाना केदारनाथ दर्शनों को पहुंच रहे श्रद्धालु वहां साफ-सफाई का ध्यान नहीं रख रहे। वह प्लास्टिक की खाली बोतल व कूड़े को कूड़ादान में डालने के बजाय धाम व पैदल मार्ग में जगह-जगह यूं ही फेंक दे रहे हैं। प्रशासन की ओर से केदारपुरी में विशेष स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है, लेकिन इसका भी श्रद्धालुओं पर कोई असर नहीं हो रहा। इसी की परिणति है कि केदारपुरी में जगह-जगह प्लास्टिक की खाली बोतल व कूड़ा जगह-जगह बिखरा हुआ है। इसका उच्च हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

loksabha election banner

केदारपुरी उच्च हिमालयी क्षेत्र में समुद्रतल से 11657 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस क्षेत्र को सरकार ने प्रतिबंधित वन क्षेत्र घोषित किया हुआ है। पर्यावरण की दृष्टि से यह काफी संवेदनशील क्षेत्र है। इन दिनों बाबा केदार के दर्शनों को देश-विदेश से 16 से 18 हजार के बीच श्रद्धालु प्रतिदिन केदारपुरी पहुंच रहे हैं। जबकि, विभिन्न विभागों के कर्मचारी, व्यापारी व तीर्थ पुरोहित केदारपुरी में स्थायी रूप से रहे हैं। इनकी संख्या पांच हजार के आसपास है।

दर्शनों को केदारपुरी पहुंचने वाले श्रद्धालु प्लास्टिक की बोतलें व अन्य सामग्री सोनप्रयाग व गौरीकुंड से अपने साथ ले जाते हैं और प्रयोग करने के बाद धाम व पैदल मार्ग में जगह-जगह फेंक देते हैं। जबकि, गौरीकुंड व सोनप्रयाग में प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को कूड़ा व प्लास्टिक की सामग्री को कूड़ेदान में ही फेंकने को कहा जा रहा है। नगर पंचायत केदारनाथ की ओर से भी श्रद्धालुओं को लगातार जागरूक किया जा रहा है। बावजूद इसके उन पर इन बातों का कोई असर नहीं हो रहा।

यह भी पढ़ें- Chardham Yatra 2022: केदारनाथ धाम में डीएम ने संभाली स्वच्छता अभियान की कमान, एक कुंतल कूड़ा किया एकत्रित

पर्यावरण की दृष्टि से काफी संवेदनशील है उच्च हिमालयी क्षेत्र

बीती 19 मई को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्वयं केदारपुरी में कूड़ा निस्तारण के लिए विशेष स्वच्छता अभियान चलाया था। इस दौरान स्थानीय व्यापारियों व तीर्थ पुरोहितों के साथ ही श्रद्धालुओं को भी उच्च हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया। पर्यावरणविद् जगत सिंह जंगली कहते हैं कि उच्च हिमालयी क्षेत्र पर्यावरण की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। इसलिए केदारपुरी में कूड़ा निरस्तारण की उचित व्यवस्था होना जरूरी है। इसका ध्यान सभी को रखना चाहिए।

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि केदारपुरी में स्वच्छता बनाए रखने के लिए श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय निवासियों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि कूड़े को इधर-उधर फेंकने के बजाय कूड़ादान में ही डालें। स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है। प्रशासन सफाई व्यवस्था की लगातार निगरानी कर रहा है।

यह भी पढ़ें- चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक का कड़ा रुख, चारधाम ड्यूटी ज्वाइन न करने वालों का रुकेगा वेतन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.