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भवन सील करने पहुंची टीम तो खुद पर छिड़क लिया पेट्रोल

रायवाला के खांडगांव नंबर दो में एक निर्माणाधीन भवन को सील करने पहुंची मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की टीम को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान विरोध कर रही भवन स्वामी महिला ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की भी कोशिश की। ग्रामीणों का रुख देख प्राधिकरण की टीम बैरंग वापस लौट गयी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 08:29 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 08:29 PM (IST)
भवन सील करने पहुंची टीम तो खुद पर छिड़क लिया पेट्रोल
भवन सील करने पहुंची टीम तो खुद पर छिड़क लिया पेट्रोल

संवाद सूत्र, रायवाला: रायवाला के खांडगांव नंबर दो में एक निर्माणाधीन भवन को सील करने पहुंची मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की टीम को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान विरोध कर रही भवन स्वामी महिला ने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने की भी कोशिश की। ग्रामीणों का रुख देख प्राधिकरण की टीम बैरंग वापस लौट गयी।

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शुक्रवार को भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंची एमडीडीए की टीम ने जैसे ही भवन के सीलिग की कार्यवाही शुरू की, वहां एकत्रित ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने प्राधिकरण पर मनमाना रवैया अपनाने का आरोप लगाया। पुलिस ने ग्रामीणों को हटाने की कोशिश की तो वह भड़क उठे। एमडीडीए के सहायक अभियंता सुधीर गुप्ता ने बताया कि भवन बिना नक्शा स्वीकृत कराए बन रहा था, लिहाजा भवन को सील करने के आदेश थे। आज की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्यवाही तय होगी। उन्होंने बताया कि श्यामपुर में 40 दुकानों व साईं घाट के पास एक भवन पर सीलिग की कार्यवाही की गयी है।

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प्राधिकरण के दखल पर उठ रहे सवाल

रायवाला क्षेत्र में हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग पर तमाम जगह धड़ल्ले से बिना मानचित्र स्वीकृत किए भवन निर्माण हो रहे है, लेकिन प्राधिकरण इस ओर मूकदर्शक बना हुआ है। वहीं हाईवे से कई किलोमीटर दूर गांव के भीतर हो रहे निर्माण पर प्राधिकरण की सक्रियता कई सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के विकास कार्यों में प्राधिकरण की कोई भूमिका नहीं रहती। महज किसी की शिकायत पर भी टीम पहुंच जाती है। मानचित्र स्वीकृति के नाम पर ग्रामीणों को बेवजह परेशान किया जाता है। उनका आरोप था कि सीलिग का भय दिखाकर भवन स्वामियों से हजारों रुपये ऐंठ लिए जाते हैं, जो प्राधिकरण के खाते में न जाकर अधिकारियों की जेब में जाते हैं। वहीं प्राधिकरण समय रहते अवैध निर्माण को नहीं रोकता और भवन बन जाने के बाद में सीलिग की कार्यवाही करता है। नतीजतन धरातल पर अवैध निर्माण लगातार जारी हैं।

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मैंने गांव वालों से जमीन खरीदकर मकान बनाया है, लेकिन ग्राम प्रधान ने इस पर बेवजह अड़चन डाली। सेना और राजाजी पार्क प्रशासन को शिकायत भेजी। इन दोनों विभागों से मुझे अनापत्ति मिल गयी तो अब प्राधिकरण में शिकायत की है। मैं केवल घर बना रही हूं, कोई व्यावसायिक निर्माण नहीं कर रहीं हूं, इसका शपथ पत्र पहले ही प्राधिकरण को दिया जा चुका है। मेरा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। मैं अब कानून का सहारा लूंगी।

-स्वाति गौरिया, पीड़ित भवन स्वामी, खांडगांव रायवाला।

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संबंधित पक्ष द्वारा लोकल अथॉरिटी से भवन निर्माण की अनुमति नहीं ली गयी। भवन कृषि भूमि पर बनाया जा रहा है। यह सेना व राजाजी पार्क के बेहद नजदीक है, जो कि अति संवेदनशील क्षेत्र है। सिचाई नाले पर भी अवैध निर्माण किया गया। मेरे द्वारा संबंधित विभागों को इसकी सूचना दी गयी। विभाग अपनी कार्यवाही कर रहे हैं।

- शंकर दयाल धने, ग्राम प्रधान खांड रायवाला


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