Move to Jagran APP

धन सिंह बर्तवाल ने ही लिखी थी बदरीनाथ की आरती, सीएम बोले-संजोकर रखेंगे पांडुलिपी

बर्त्वाल परिवार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदरीनाथ की आरती की पांडुलिपि भेंट की। इस दौरान सीएम ने कहा पांडुलिपि को संजोकर रखा जाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 07:31 PM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 08:10 AM (IST)
धन सिंह बर्तवाल ने ही लिखी थी बदरीनाथ की आरती, सीएम बोले-संजोकर रखेंगे पांडुलिपी
धन सिंह बर्तवाल ने ही लिखी थी बदरीनाथ की आरती, सीएम बोले-संजोकर रखेंगे पांडुलिपी

देहरादून, जेएनएन। करोड़ों हिंदुओं की आस्था के केंद्र बदरीनाथ धाम की आरती रुद्रप्रयाग के धन सिंह बर्तवाल ने लिखी है। अब तक यह माना जाता था कि करीबन 150 साल पहले इस आरती की रचनाचमोली जिले के नदंप्रयाग के रहने वाले मुस्लिम बदरुद्दीन ने की थी। 

loksabha election banner

आरती की पांड़लिपि की कार्बन डेटिंग के परिणाम से साबित हो गया है कि यह वर्ष 1775 के आसपास की है और धन सिंह इसी दौर के हैं, जबकि बदरुद्दीन उन्नीसवीं सदी के उत्तरा‌र्द्ध के हैं। 

शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में धन सिंह के वंशजों ने पांडुलिपि की प्रति मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे यह साबित हुआ है कि हमारे पूर्वज उस समय भी जागरूक थे। 

स्व. धन सिंह  के वंशजों ने इतनी पुरातन सम्पदा को संजोकर रखा, यह दूर दृष्टि का परिचायक है। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट ने बताया कि पिछले साल विजराणा गांव के रहने वाले स्व. धन सिंह के परपोते महेंद्र सिंह  ने सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर को पांडुलिपि सौंपकर दावा किया था कि आरती उनके परदादा ने लिखी है। 

शासन से यूसैक को कार्बन डेटिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने बताया कि बदरुद्दीन के वंशजों से भी सुबूत पेश करने को कहा गया था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि पांडुलिपि को डिजिटिलाइजेशन के जरिये सुरक्षित रख लिया गया है। स्व. बर्तवाल के परपोते महेंद्र  ने बताया कि हमारे लिए यह गौरव का पल है। 

आरती में हैं 11 पद 

बदरीनाथ धाम में सुबह शाम गुंजने वाली प्रसिद् आरती 'पवन मंद सुगंध शीतल हेम मंदिर शोभितम्। निकट गंगा बहत निर्मल बदरीनाथ विश्वंभरम, श्री बदरीनाथ विश्वंभरम ।।' के रचियता धन सिंह  की मूल रचना कुछ 11 पद हैं। हालांकि आरती में सात पद ही गाए जाते हैं। 

यह भी पढ़ें: बदरीनाथ आरती की पांडुलिपि धरोहर के रूप में संरक्षित

यह भी पढ़ें: बदरीनाथ धाम की आरती की पांडुलिपी मिली, पेश किया गया ये दावा

यह भी पढ़ें: यहां भगवान शंकर ने पांडवों को भील के रूप में दिए थे दर्शन

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.