संक्रमण पर अंकुश को रैपिड एंटीजन टेस्ट का बढ़ा दायरा
पिछले कुछ अरसे से ऐसा कोई दिन नहीं बीता जब कोरोना का नया मामला न आया हो। यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट के जरिये संक्रमण पर नियंत्रण लगाने की कोशिश की जा रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ अरसे से ऐसा कोई दिन नहीं बीता, जब कोरोना का नया मामला न आया हो। यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट के जरिये संक्रमण पर नियंत्रण लगाने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में राजधानी दून में अब रैपिड एंटीजन टेस्ट का दायरा बढ़ाया जा रहा है। जिनका प्रमुखता से रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है, उनमें अन्य राज्यों से आने वाले लोग, इन्फ्लुएंजा जैसे लक्षण वाले लोग, श्वास रोगी, गंभीर बीमारी से पीड़ित 65 साल से ऊपर के मरीज, गर्भवती महिलाएं आदि शामिल हैं।
मंगलवार को सीएमओ डॉ. बीसी रमोला ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर में तैनात चिकित्सकों को रैपिड एंटीजन टेस्ट का प्रशिक्षण दिया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं भी देखीं। साथ ही चिकित्सकों को बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के बारे में भी बताया। जौलीग्राट एयरपोर्ट और एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश में भी चिकित्साकíमयों को रैपिड एंटीजन टेस्ट का प्रशिक्षण दिया गया। सीएमओ ने बताया कि कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने में आमतौर पर दो से चार दिन का वक्त लगता है। जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट में 30 मिनट के अंदर नतीजा आ जाता है। इस जांच में अगर किसी शख्स की रिपोर्ट निगेटिव आती है, मगर उसमें कोरोना के लक्षण हैं तो उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाएगा। लक्षण न होने पर उसे होम क्वारंटाइन में भेजा जाएगा। अगर किसी शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे संक्रमित मान अस्पताल या कोविड केयर सेंटर भेजा जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. आलोक जैन, सीएचसी रायपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनंद शुक्ला, एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनएस तोमर, डॉ. रचित गर्ग, लैब टेक्नीशियन कुलदीप भंडारी, स्टाफ नर्स रितु व अन्य लोग उपस्थित रहे।