नोटबंदी के दौरान जमा हुए थे नकली नोट
पीएनबी ऋषिकेश से मिले नकली नोट अक्टूबर 2017 से पूर्व जमा कराए गए थे। मगर इसका महीनों बाद पता तब चला, जब भारतीय रिजर्व बैंक कानपुर ने यहां से जमा कराए नोटों की बारीकी से जांच की।
देहरादून, [जेएनएन]: पीएनबी ऋषिकेश से मिले नकली नोट अक्टूबर 2017 से पूर्व जमा कराए गए थे। मगर इसका महीनों बाद पता तब चला, जब भारतीय रिजर्व बैंक कानपुर ने यहां से जमा कराए नोटों की बारीकी से जांच की। ऐसे मामलों के लिए बनाए गए नोडल डालनवाला कोतवाली की पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह किन लोगों के द्वारा जमा कराए गए हैं।
पीएनबी ऋषिकेश से मिले सभी नकली नोट नोटबंदी के पूर्व के पुराने नोट हैं। इसमें पांच सौ रुपये के पांच और एक हजार रुपये के 14 नोट शामिल हैं। आरबीआइ कानपुर के प्रबंधक दावा निर्गम विभाग सत्य कुमार की ओर से डालनवाला कोतवाली में दर्ज मुकदमे की तहरीर में बताया गया है कि बैंक के करेंसी चेस्ट से नकली नोट अक्टूबर 2017 के दौरान मिले थे। यह नोटबंदी के बाद का दौर था।
गौरतलब है कि आठ नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी लागू होने के बाद लोगों ने पुराने नोट बैंकों में जमा कराने और बदलने शुरू कर दिए थे। इस दौरान बैंकों में जो नोट जमा हुए, उन्हें आरबीआइ कानपुर भेज दिया गया। यहां लंबी जांच प्रक्रिया के दौरान पता चला किए इसमें कई नोट नकली हैं, अभी तक साढ़े सोलह हजार रुपये की पुरानी मुद्रा पकड़ में आई है, जिन्हें नकली करार दिया गया है।
पहले भी मिल चुके हैं बैंकों से नकली नोट
वर्ष 2016 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की पटेलनगर शाखा और भारतीय स्टेट बैंक ऋषिकेश की शाखा के खजाने में लगभग सवा 13 हजार के नकली नोट मिले थे। इनमें भी आरबीआइ कानपुर ने डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन अब तक की जांच में यह पता नहीं चल पाया है कि यह नोट किन लोगों के द्वारा जमा कराए गए थे।
नए नोट आने के बाद सुधरे हालात
दून में नकली नोटों के मिलने का सिलसिला नया नहीं है। नोटबंदी से पूर्व जिले में अक्सर नकली नोटों के मामले सामने आ जाते थे। मई 2016 में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के थाना पूर्वा कृष्णपुर के ग्राम निवासी पूर्व चंदापुर के मो.सिंतु शेख पुत्र कादिर शेख को 12 हजार रुपए व मालदा जिले के ही थाना कलिया चक निवासी मो.हलीम शेख पुत्र शराफुल शेख को बीस हजार रुपए के जाली नोटों के साथ पकड़ा गया था। मगर नए नोट चलन में आ जाने के बाद इस पर काफी हद तक विराम लग गया।
जाली नोट मिलने के प्रमुख मामले
थाना----------------स्थान----------------समय----------------रकम
कैंट----------पीएनबी पलटन बाजार---- दिसंबर 2014------45 सौ रुपये
कोतवाली-----प्रिंस चौक---------------- मार्च 2015-----------13 हजार रुपये
डोईवाला--------लच्छीवाला--------------जून 2015---------- 13 हजार पांच सौ रुपये
प्रेमनगर-----------फन एंड फूड तिराहा---- मई 2016------------- 32 हजार रुपये
निवेदिता कुकरेती(एसएसपी देहरादून) का कहना है कि नए नोट चलन में आने के बाद नकली नोट मिलने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया। फिर भी इस कारोबार में संलिप्त रहे लोगों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
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