लंबित मांगों के समाधान को लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मियों ने खोला मोर्चा, 14 से उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं) ने विभिन्न लंबित मांगों के समाधान की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने गुरुवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में सांकेतिक प्रदर्शन किया। मांगों का जल्द समाधान नहीं होने पर 14 जुलाई से उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं) ने विभिन्न लंबित मांगों के समाधान की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने गुरुवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में सांकेतिक प्रदर्शन किया। चेतावनी दी है कि मांगों का जल्द समाधान नहीं होने पर 14 जुलाई से उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान कर्मचारी काली फीती बांधकर काम करेंगे। 30 जुलाई से बिना अन्न-जल ग्रहण किए कार्य करने का एलान भी किया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि उद्यान विभाग के माली की भांति हाईस्कूल से कम शिक्षा वाले कर्मचारियों को टेक्नीकल घोषित किया जाए। लैब सहायक, डार्करूम सहायक, ओटी सहायक, ड्रेसर आदि पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट पास कर्मचारियों की भांति 50 फीसद कोटे के तहत पदोन्नति का लाभ दिया जाए। नर्सेज संवर्ग की भांति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी पौष्टिक आहार भत्ता दिया जाए। जोखिम भत्ता दस लाख रुपये करने की मांग भी उन्होंने की है। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नेलशन कुमार अरोड़ा ने कहा कि विभाग के उच्चाधिकारियों से तीन बार वार्ता होने के बाद भी आज तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की लंबित मांगों का समाधान नहीं किया गया है। 50 फीसद पदोन्नति पर समझौता होने के बाद भी इसे कम कर 25 फीसद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय के इस रवैये से कर्मचारियों में नाराजगी है।
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महामंत्री सुनील अधिकारी ने कहा कि 14 जुलाई से 19 जुलाई तक काली फीती बांधकर कार्य किया जाएगा। इसके बाद 20 से 24 जुलाई तक संघ पदाधिकारी अपने जिलों में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देंगे। 26 व 27 जुलाई को सभी कर्मचारी उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर कर सीएमओ कार्यालय व चिकित्सालयों में प्रदर्शन कर दो घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे। 29 जुलाई को स्वास्थ्य महानिदेशालय, आयुर्वेद विवि व आयुर्वेद एवं होम्योपैथी निदेशालय में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। 30 जुलाई से बिना अन्न-जल ग्रहण किए कार्य किया जाएगा।
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