खगोल विज्ञान की रीढ़ थे डॉ. चंद्रशेखर : स्वामी चिदानंद
ऋषिकेश परमार्थ निकेतन में भारत के अनमोल रत्न डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर की जयंती पर उन्हें पुष्प अर्पित किए गए।
ऋषिकेश : परमार्थ निकेतन में भारत के अनमोल रत्न डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर की जयंती पर उन्हें पुष्प अर्पित किए गए।
इस दौरान परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जीवन का हर दिन एक नया संदेश, नया अवसर और नई चुनौतियों को लेकर आता है। जो दिन बीत जाता है, वह हमें एक शिक्षा दे जाता है। डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर को खगोल विज्ञान की रीढ़ माना जाता है। स्वामी ने कहा कि हर बच्चा एक हुनर के साथ जन्म लेता है, जरूरत है उस हुनर को तलाशने और तराशने की। बच्चों के हुनर को तराशने के लिए परिवार और पाठशाला दोनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। छोटे-छोटे बच्चों को संस्कार और शिक्षा के साथ आत्मविश्वास जागृत करने वाले विचार देना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बचपन से ही बच्चों को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने और राष्ट्र को समर्पित जीवन जीने की प्रेरणा दी जानी चाहिए। उन्हें भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने की शिक्षा देनी जरूरी है।