Uniform Civil Code के लिए गठित समिति ने वेब पोर्टल की शुरूआत की, राज्य के नागरिक दे सकेंगे सुझाव
समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) ने इस कड़ी में समिति के वेब पोर्टल की शुरुआत की। आमजन अपने सुझाव वाट्सएप व एसएमएस के माध्यम से अथवा लिखित में समिति के देहरादून स्थित कार्यालय को डाक से भेज सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के परीक्षण एवं क्रियान्वयन के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने इसके लिए जनता से सुझाव आमंत्रित किए हैं। समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) ने इस कड़ी में समिति के वेब पोर्टल की शुरुआत की। आमजन अपने सुझाव वाट्सएप व एसएमएस के माध्यम से अथवा लिखित में समिति के देहरादून स्थित कार्यालय को डाक से भेज सकते हैं।
एक करोड़ प्रदेशवासियों को विभिन्न माध्यमों से भेजे संदेश
सुझाव आमंत्रित करने के लिए समिति ने एक करोड़ प्रदेशवासियों को विभिन्न माध्यमों से संदेश भेजे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की जनता से समान नागरिक संहिता को लेकर सुझाव देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में समान नागरिक संहिता एक बड़ी इबारत होगी। राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है।
सात अक्टूबर तक भेजे जा सकते हैं सुझाव
गुरुवार को समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) ने समिति के पोर्टल www.ucc.uk.gov.in की शुरुआत करते हुए कहा कि इसके माध्यम से सुझाव सीधे पोर्टल पर अपलोड किए जा सकते हैं। इसके अलावा समिति के ई-मेल official-ucc.gov.in तथा डाक के माध्यम से 'विशेष समिति, समान नागरिक संहिता, राज्य अतिथि गृह एनेक्सी राजभवन के निकट, देहरादूनÓ के पते पर भी सुझाव भेजे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुझाव अगले 30 दिन, यानी सात अक्टूबर तक भेजे जा सकते हैं। सुझाव आमंत्रित करने के लिए समिति ने एक करोड़ व्यक्तियों को एसएमएस व वाट्सएप संदेश भेजे हैं। उद्देश्य यह कि प्रत्येक परिवार से समिति को सुझाव मिल सकें।
प्रदेश में समान नागरिक संहिता को किया जाएगा लागू
इसके बाद समिति ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सदस्यों के साथ विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जनता से वादा किया था कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए समिति का गठन किया गया।
अन्य प्रदेशों के लिए भी होगा अनुकरणीय
उन्होंने उम्मीद जताई कि विशेष समिति प्रबुद्धजनों के साथ आमजन से सुझाव प्राप्त कर प्रदेश की जनता के लिए हितकारी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी। यह अन्य प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर सुझाव नहीं मांगे गए।
इस अवसर पर समिति की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि), सदस्य जस्टिस प्रमोद कोहली (सेनि), समाजिक कार्यकत्र्ता मनु गौड़, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल एवं अपर स्थानिक आयुक्त व समिति के सदस्य सचिव अजय मिश्रा के अलावा मुख्य सचिव डा एसएस संधु तथा अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी उपस्थित रहे।