मोटा अनाज से दूर होगी मिड डे मील में कैलोरी की कमी
प्रदेश में स्कूली बच्चों को मिल रहे मिड डे मील में कैलोरी की कमी दूर करने में मोटा अनाज अहम भूमिका निभाएगा। वहीं कक्षा एक से आठवीं तक कुल 6.67 लाख बच्चों के मिड डे मील के लिए केंद्र सरकार ने 216 करोड़ की धनराशि मंजूर की है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में स्कूली बच्चों को मिल रहे मिड डे मील में कैलोरी की कमी दूर करने में मोटा अनाज अहम भूमिका निभाएगा। वहीं कक्षा एक से आठवीं तक कुल 6.67 लाख बच्चों के मिड डे मील के लिए केंद्र सरकार ने 216 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। इस बार 55 नए मदरसों को भी मिड डे मील के दायरे में लिया जाएगा।
प्रदेश में स्कूली बच्चों को दिए जा रहे मिड डे मील में कैलोरी की मात्रा कम पाई गई है। कक्षा एक से पांचवीं तक छात्र-छात्राओं को 450 कैलोरी के स्थान पर सिर्फ 430 और छठीं से आठवीं तक छात्र-छात्राओं को 700 के स्थान पर 650 कैलोरी ही भोजन में उपलब्ध हो पा रही है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि बच्चों के भोजन में प्रोटीन की मात्रा पर्याप्त है। भोजन में कैलोरी की मात्रा बढ़ाने के लिए स्थानीय मोटा अनाज को शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष मिड डे मील का सोशल आडिट भी कराया गया। ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, देहरादून और पिथौरागढ़ में कराए गए इस आडिट में जन सुनवाई में स्थानीय व्यक्तियों ने अच्छी-खासी संख्या में रुचि ली है। ग्राम प्रधानों, पंचायत प्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन समिति, स्वैच्छिक संस्थाओं ने मिड डे मील को लेकर अहम सुझाव दिए हैं।
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इससे व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेेगी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश के मिड डे मील के लिए 216 करोड़ की राशि मंजूर की गई है। इस बार मिड डे मील में नए मदरसों को शामिल किया जाएगा। वर्तमान में 172 मदरसे इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
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