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28 नंवबर से भरा जाएगा व्यासी परियोजना का जलाशय, बिजली उत्पादन शुरू होने से पहले होनी है संरचना

120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना पर विद्युत उत्पादन शुरू करने के लिए सभी जरूरी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। अब परियोजना की संरचना गेट व मशीनों की टेस्टिंग होनी है। इसके लिए 28 नवंबर से परियोजना के जलाशय को 620 मीटर तक भरने की प्रक्रिया शुरू होगी।

By Edited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 06:46 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 11:02 AM (IST)
28 नंवबर से भरा जाएगा व्यासी परियोजना का जलाशय, बिजली उत्पादन शुरू होने से पहले होनी है संरचना
28 नंवबर से भरा जाएगा व्यासी परियोजना का जलाशय।

जागरण संवाददाता, विकासनगर(देहरादून)। हथियारी (देहरादून) स्थित 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना पर विद्युत उत्पादन शुरू करने के लिए सभी जरूरी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। अब परियोजना की संरचना, गेट व मशीनों की टेस्टिंग होनी है। इसके लिए 28 नवंबर से परियोजना के जलाशय को 620 मीटर तक भरने की प्रक्रिया शुरू होगी।

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परियोजना के महाप्रबंधक सुनील कुमार जोशी ने बताया कि व्यासी परियोजना के संचालन को जलाशय में अधिकतम जल स्तर 631.50 मीटर व न्यूनतम जल स्तर 626 मीटर रखना जरूरी है। कालसी तहसील का राजस्व ग्राम लोहारी पूर्ण डूब क्षेत्र में आ रहा है। इसमें ग्राम लोहारी, विहार, बिन्हार व कंडीरियान की प्रभावित कुल 8.761 हेक्टेयर भूमि का विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी की ओर से अधिग्रहण कर प्रतिकर का भुगतान भी कर दिया गया। लेकिन, लोहारी वासियों की ओर से भूमि के बदले भूमि की मांग के चलते भुगतान नहीं लिया गया।

महाप्रबंधक जोशी ने बताया कि पुनर्वास अधिकारी लखवाड़-व्यासी बांध परियोजना डाकपत्थर व उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार ने हितबद्ध व्यक्तियों के सूचनार्थ परिसंपत्तियों का रकबा, स्वामित्व, मूल्यांकन आदि का विवरण प्रकाशित करा दिया है। इस पर 14 दिसंबर तक आपत्तियां मांगी गई हैं। बताया कि लोहारी के ग्रामीणों को खादर स्थित धौरा कालोनी की भूमि पर विस्थापित किया जाना प्रस्तावित है। यह भूमि राजस्व अभिलेखों में धौरा कालोनी यमुना स्कीम सिंचाई विभाग के नाम दर्ज है। भूमि को उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएन) को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर गतिमान है।

महाप्रबंधक ने बताया कि व्यासी परियोजना पर उत्पादन शुरू करने से पूर्व इसकी संरचनाओं आदि की टेस्टिंग के लिए जलाशय 28 नवंबर से 620 मीटर के तल तक भरा जाना प्रस्तावित है। इससे लोहारी की परिसंपत्तियों को कोई क्षति नहीं होगी। ग्राम लोहारी का पुनर्स्थापना करने के बाद जलाशय का जलस्तर 620 मीटर से बढ़ाकर परियोजना राष्ट्र को समर्पित की जाएगी।

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