शीशमबाड़ा प्लांट को लेकर तनाव, कार फूंकी; धारा 144 लागू
नगर निगम के शीशमबाड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट के विरोध में तनाव बढ़ गया है। यहां देर रात एक प्रदर्शनकारी ने प्लांट के गेट के सामने अपनी कार में आग लगा दी।
देहरादून, जेएनएन। नगर निगम के शीशमबाड़ा स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट के विरोध में तनाव बढ़ गया है। यहां गुरुवार देर रात एक प्रदर्शनकारी ने प्लांट के गेट के सामने अपनी कार में आग लगा दी। प्रदर्शनकारी रातभर वहीं डटे रहे व नारेबाजी की। इससे स्थिति और बिगड़ गई। शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने कूड़ा लेकर आए ट्रकों को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। पुलिस की ओर से हल्का बल प्रयोग कर इन ट्रकों को अंदर प्रवेश कराया। इससे प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच तनातनी व धक्कामुक्की हो गई। इस बीच नगर निगम के सैकड़ों सफाई कर्मचारी प्लांट की सफाई के लिए पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भी रोक दिया। इससे स्थिति फिर बिगड़ गई। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने स्थिति संभाली व सफाई कर्मियों को अंदर भेजा। वहीं, जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने पूरे मामले पर विकासनगर एसडीएम से रिपोर्ट तलब की। तनाव देखते हुए प्लांट क्षेत्र की 200 मीटर की परिधि में धारा-144 लागू कर दी गई है।
शीशमबाड़ा में बिगड़ते हालात पर नगर निगम में महापौर सुनील उनियाल गामा ने शुक्रवार शाम जिलाधिकारी सी. रविशंकर व नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय समेत सभी अधिकारियों की आपात बैठक ली। महापौर ने अधिकारियों को स्थिति नियंत्रित करने के साथ ही प्लांट में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बताया कि इस संबंध में धारा-144 लागू कर दी गई है एवं प्लांट में दुर्गंध के निस्तारण के लिए कोशिश की जा रही है। जिसमें कम्यूनिटी मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत प्रदर्शनकारियों से दो लोगों के नाम मांगे गए हैं। यह दो लोग किसी भी वक्त प्लांट में जाकर वहां कूड़े के निस्तारण और दुर्गंध खत्म करने के लिए किए जा रहे उपायों पर नजर रखेंगे। जिलाधिकारी स्वयं भी इस संबंध में प्रदर्शनकारियों से मिलकर बात करेंगे। बैठक के बाद विकासनगर उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल को मौके पर भेजा गया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को बैठक के निर्णयों की जानकारी दी। साथ ही प्लांट क्षेत्र में धारा-144 लागू होने व यहां प्रदर्शन पर रोक लगने की जानकारी भी दी। सुरक्षा के मद्देनजर वहां भारी पुलिस बल नियुक्त कर दिया गया है।
एनओसी के बिना नहीं चलने देंगे प्लांट
विकासनगर: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी के बिना प्लांट को चलने नहीं देंगे। बता दें कि वर्तमान में प्लांट के पास एनओसी नहीं है। एनओसी अगस्त-19 में खत्म हो चुकी है और प्लांट में गड़बडिय़ों को देखकर बोर्ड ने नई एनओसी जारी नहीं की है। लोगों की मांग है कि जब तक एनओसी नहीं मिलती, तब तक प्लांट को बंद रखा जाए। लोगों की नाराजगी महापौर व नगर आयुक्त को लेकर भी है। उनका कहना है कि जब वे दो दिनों से लगातार महापौर व नगर आयुक्त से मिल रहे तो भी उनकी मांगों पर गौर नहीं हुआ व उल्टा निगम ने प्लांट हर हाल में चलाने की बात कह दी। बता दें कि शीशमबाड़ा प्लांट का स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं और उनका आरोप है कि प्लांट से उठ रही दुर्गंध से उनका जीना मुहाल हो गया है।
नहीं घुसने देंगे राजनेताओं को
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि कूड़ा निस्तारण केंद्र को हटाने के लिए अब चाहे कोई भी कुर्बानी देनी पड़े, वे देंगे। साथ ही महिलाओं ने चेतावनी दी है कि वे अब क्षेत्र में सत्ताधारी राजनेताओं को घुसने नहीं देंगी व हर मोर्चे पर विरोध किया जाएगा। प्लांट को शिफ्ट कराने को महिलाएं रात में भारी ठंड में अपना घर व मासूम बच्चों को छोड़ उनका जीवन बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं, लेकिन सरकार सुध ही नहीं ले रही है। प्रदर्शनकारियों के इस रुख से प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है।
कार में आग लगाने पर मुकदमा
पछवादून बचाओ संघर्ष समिति से जुड़े प्रदर्शनकारी सतपाल धानिया व एक अन्य के विरुद्ध सहसपुर पुलिस ने कार जलाने व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। सतपाल धानिया ने प्लांट बंद न होने की सूरत में आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी हुई है। वहीं, कार में आग की सूचना पर पुलिस व फायर बिग्रेड वहां पहुंची व आग बुझाकर जली कार को मार्ग से हटाकर मार्ग सुचारू कराया। वहीं, प्लांट के प्रोजेक्ट मैनेजर की तहरीर पर सेलाकुई चौकी में सतपाल धानिया और राजेश शर्मा के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि गुरुवार सतपाल ने प्लांट के मुख्य गेट पर मारुति कार लगाकर प्लांट में कूड़ा लेकर आने वाले वाहनों को प्लांट में प्रवेश करने से रोक कर राजकीय कार्य में बाधा की। जब रात्रि ड्यूटी में प्लांट पर गार्डों द्वारा गेट से वाहन को हटाने को कहा गया तो सतपाल ने प्लांट गेट से सटे गार्डों को जान से मारने व प्लांट क्षतिग्रस्त करने की नीयत से कार का पेट्रोल टैंक खोलकर आग लगा दी।
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हो सकता था बड़ा विवाद
प्लांट में सफाई के लिए पहुंचे नगर निगम कर्मियों को प्लांट में नहीं घुसने देने पर उस वक्त पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए जब निगम के सफाई कर्मी और प्रदर्शनकारी आमने-सामने आ गए। पुलिस को शक था कि अगर सफाई कर्मी भड़क गए तो विवाद थाम पाना आसान नहीं होगा। तनाव बढ़ता देख अतिरिक्त फोर्स बुला ली गई। साथ ही पुलिस क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र धोनी व कोतवाल सहसपुर राजीव रौथाण भी वहां पहुंच गए। पुलिस अफसरों ने प्रदर्शनकारियों से बताया कि नगर निगम कर्मी सफाई के लिए आए हैं, ताकि प्लांट से आ रही दुर्गंध से निजात मिल सके। प्रदर्शनकारियों ने निगम कर्मियों पर ग्रामीणों को डराने धमकाने का आरोप लगाया। पुलिस ने बामुश्किल स्थिति काबू की।
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