Move to Jagran APP

बांध प्रभावितों को देहरादून और हरिद्वार में मिलेगी दो एकड़ विकसित भूमि, रहेगी ये शर्त

415 विस्थापित परिवारों को देहरादून और हरिद्वार में दो-दो एकड़ विकसित भूमि दी जाएगी। बशर्ते प्रभावित परिवार की भूमि की क्षति उनकी संपूर्ण भूमि के 50 फीसद से अधिक होगी। इससे कम भूमि क्षति पर पुनर्वास नहीं होगा।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 05 Sep 2021 10:26 AM (IST)Updated: Sun, 05 Sep 2021 10:26 AM (IST)
बांध प्रभावितों को देहरादून और हरिद्वार में मिलेगी दो एकड़ विकसित भूमि, रहेगी ये शर्त
बांध प्रभावितों को देहरादून और हरिद्वार में मिलेगी दो एकड़ विकसित भूमि, रहेगी ये शर्त।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों को देहरादून और हरिद्वार में दो-दो एकड़ विकसित भूमि दी जाएगी। बशर्ते प्रभावित परिवार की भूमि की क्षति उनकी संपूर्ण भूमि के 50 फीसद से अधिक होगी। इससे कम भूमि क्षति पर पुनर्वास नहीं होगा। ऐसे परिवार को वर्तमान में प्रचलित दरों के अनुसार नगद मुआवजा दिया जाएगा। पात्रता मानक में केवल वही परिवार आएंगे, जिनकी भूमि उनके नाम 26 अप्रैल, 2007 से पहले दर्ज हुई है। जो प्रभावित परिवार भूमि नहीं चाहेंगे उन्हें राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत दरों पर भुगतान किया जाएगा।

loksabha election banner

शनिवार को सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बांध प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास के संबंध में कैंप कार्यालय में बैठक की। बैठक में बताया गया कि टीएचडीसी जल्द ही उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका वापस लेगा। इस दौरान सिंचाई मंत्री ने बताया कि 415 परिवारों के लिए प्रदेश सरकार ने प्रति परिवार 74.40 लाख रुपये की मुआवजा राशि तय की है। ये राशि ऐसे सभी परिवारों को दी जाएगी, जिनके लिए भूमि उपलब्ध नहीं है।

प्रभावित परिवारों को लोक निर्माण विभाग के मानकों के अनुसार क्षतिग्रस्त भवनों के लिए नगद धनराशि भी दी जाएगी। इसके अलावा प्रभावित परिवारों को भवन निर्माण के लिए 60 हजार रुपये सहायता के रूप में दिए जाएंगे। पशुशाला, वृक्ष, अनाज आदि का भुगतान लोक निर्माण विभाग, बागवानी विभाग व वन विभाग के मूल्यांकन मानकों के अनुसार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवार को नए स्थान पर बसने के लिए 10 हजार रुपये प्रति परिवार पुनर्वास अनुदान का भुगतान किया जाएगा।

यह भी पढ़ें- सीएम धामी ने राज्य आपातकालीन परिचलन केंद्र का किया औचक निरीक्षण, अतिवृष्टि से हुए नुकसान की ली जानकारी

प्रभावित परिवारों को अन्यत्र स्थान पर बसाने के लिए प्रति परिवार 10 हजार रुपये स्थानांतरण भत्ता भी दिया जाएगा। प्रभावित परिवारों के नए स्थान पर विस्थापित होने तक इनके जीविकोपार्जन पर प्रभाव पड़ेगा। इसे देखते हुए प्रत्येक प्रभावित परिवार को उपार्जन के लिए न्यूनतम 25 दिन की कृषि मजदूरी के बराबर एक वर्ष तक का भुगतान किया जाएगा। यह तय हुआ है कि रौलाकोट गांव के विस्थापन के लिए पुनर्वास निदेशालय के पास 70 एकड़ भूमि रोशनाबाद, रायवाला, घमंडपुर आदि गांव में उपलब्ध है।

यह भी पढ़ें- अचानक एमडीडीए कार्यालय पहुंच गए सीएम पुष्कर सिंह धामी, कार्मिकों में मचा हड़कंप

इसके अलावा 20 एकड़ भूमि विभिन्न स्थानों पर टीएचडीसी के स्वामित्व में है। इस भूमि को विकसित किया जाएगा। टीएचडीसी इस पर 10.5 करोड़ की धनराशि वहन करेगा। बैठक में सचिव सिंचाई हरि चंद्र सेमवाल एवं अधिशासी निदेशक पुनर्वास प्रेम सिंह पंवार आदि उपस्थित थे। मानकों के अनुसार बढ़ाया गया टिहरी बांध का जलस्तर सिंचाई मंत्री ने बताया कि टिहरी बांध में आर एल 835 मीटर तक पुनर्वास कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया था। इसलिए टिहरी बांध का जल स्तर दो मीटर बढ़ाने का निर्णय मानकों के अनुसार ही किया गया है।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में बनेंगे आठ नए महाविद्यालय, सात का स्नातक से स्नातकोत्तर में होगा उच्चीकरण


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.