कोरोनारोधी वैक्सीन लेने के बाद खुश हुए किशोर, बोले- मिला सुरक्षा कवच
देहरादून जनपद में कोरोनारोधी वैक्सीन पाकर किशोर काफी खुश है। उनका कहना है कि इससे उन्हें सुरक्षा कवच मिला है। बता दें कि उत्तराखंड में सभी जिलों में बीते रोज से 15-18 आयुवर्ग के किशोरों का टीकाकरण शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: 15-18 आयुवर्ग के किशोरों का कोरोनारोधी वैक्सीन का इंतजार सोमवार को समाप्त हो गया। जिले में टीकाकरण को लेकर खासा उत्साह दिखा। किशोर सुबह से ही विभिन्न टीकाकरण केंद्रों में कतार लगाकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। टीकाकरण के बाद वह आश्वस्त दिखे कि कोरोना संक्रमण से अब वह सुरक्षित हैं। टीका लगवाने के बाद उन्होंने मित्रों संग सेल्फी भी ली। दून में टीकाकरण की शुरुआत मौसेरी बहनों आरना शर्मा व प्रथा भल्ला के टीकाकरण के साथ हुई। रेसकोर्स स्थित सनातन धर्म इंटर कालेज में उनका टीकाकरण हुआ।
- आरना शर्मा (कक्षा नौ की छात्रा, श्री राम सेंटेनियल स्कूल) का कहना है कि टीकाकरण को लेकर शुरू से ही बहुत उत्साहित थी। पता नहीं था कि पहला टीका मुझे ही लगेगा। अन्य किशोरों को भी टीका लगवाने के लिए आगे आना चाहिए। सभी के सहयोग से ही कोरोना को हरा पाएंगे।
- प्रथा भल्ला (कक्षा दस की छात्रा, श्री राम सेंटेनियल स्कूल) का टीका लगने के बाद खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हूं। पिछले काफी समय से इंतजार कर रही थी। इसे लेकर किसी भी प्रकार का संकोच नहीं था। सभी को टीका लगवाने के लिए आगे आना चाहिए।
- रश्मी वर्मा (कक्षा 11 की छात्रा, सनातन धर्म इंटर कालेज) का कहना है कि वैक्सीन एक तरह का सुरक्षा कवच है। इससे संक्रमण से सुरक्षा होगी और हम बिना भय स्कूल आ सकते हैं। स्कूल भी नियमित रूप से संचालित हो सकेंगे।
- शिवानी (कक्षा 12 की छात्रा, सनातन धर्म इंटर कालेज) का कहना है कि सभी को कोरोना को समाप्त करने में अपना योगदान देना चाहिए। टीका एक मात्र तरीका है, जिससे कोरोना संक्रमण को कमजोर किया जा सकता है।
- मनीषा (कक्षा 12 की छात्रा, सनातन धर्म इंटर कालेज) का कहना है कि कोरोनाकाल में पढ़ाई खासी प्रभावित हुई है। लंबे वक्त तक स्कूल बंद रहे। वैक्सीन का सुरक्षा कवच मिलने से अब हम बिना भय स्कूल आ सकेंगे। अभिभावकों की चिंता भी दूर हो गई है।
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