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केदारनाथ से नर कंकाल तलाशकर लौटी टीम ने मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट

केदारनाथ क्षेत्र के विभिन्न पैदल रूटों पर सर्च अभियान चलाकर लौटी पांच आइपीएस अफसरों के नेतृत्व की टीमों ने अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 12:53 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 12:53 PM (IST)
केदारनाथ से नर कंकाल तलाशकर लौटी टीम ने मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट
केदारनाथ से नर कंकाल तलाशकर लौटी टीम ने मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट

देहरादून, [जेएनएन]: पांच आइपीएस अफसरों के नेतृत्व में केदारनाथ क्षेत्र के विभिन्न पैदल रूटों पर सर्च अभियान चलाकर लौटी टीमों ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। ताकि आगे फिर केदारनाथ क्षेत्र में नर कंकालों की तलाश पर निर्णय लिया जा सके। 

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केदारनाथ के विभिन्न रूटों पर 11 अक्टूबर से तीन दिन तक चले सर्च अभियान के दौरान 21 नर कंकाल बरामद हुए थे। इनमें सर्वाधिक 18 नर कंकाल पुराने रामबाड़ा पैदल मार्ग पर मिले। अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि इस मामले में हाई कोर्ट जो भी दिशा-निर्देश देगा, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। कहा कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद यदि कोई अपनों से उसका मैच कराना चाहे तो रिपोर्ट उपलब्ध रहेगी। 

उधर, हाई कोर्ट के आदेश के दस माह बाद चले इस सर्च ऑपरेशन को सिर्फ तीन दिन में ही बंद कर दिए जाने को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। जबकि, सर्च टीम में शामिल सदस्यों ने बताया कि दो रूटों पर बड़ी तादाद में नर कंकाल बिखरे पड़े हैं। यदि अभियान कुछ दिन और चलता तो बरामद नर कंकालों की संख्या सौ से अधिक होती। सूत्रों की मानें तो इस अभियान को जान-बूझकर रोका गया। ताकि जनता में यह संदेश न जाए कि अब तक सरकार खामोश क्यों थी।

 नर कंकाल मिलने से उठे हैं कई सवाल

16 जून 2013 की उस भयावह रात की याद एक बार फिर सिहरन पैदा कर गई। केदारघाटी में पहले कांग्रेस और अब भाजपा सरकार ने लापता शवों की तलाश पूरी होने के दावे किए, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर चले अभियान के दौरान नर कंकालों के मिलने से पूर्व में चलाए गए अभियान सवालों के घेरे में आ गए हैं। सिर्फ दो दिन में ही जब शव मिल सकते हैं, तो घाटी के दूरस्थ रास्तों पर स्थिति क्या होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर 2017 को एक जनहित याचिका पर सरकार को केदारघाटी में लापता शवों की तलाश को पांच सीनियर आइपीएस अधिकारियों की टीम भेजने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट के इस आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने यह टीम केदारघाटी भेजी। टीम सिर्फ दो दिन ही केदारघाटी में रही। ऐसे में टीम ने जो स्थिति देखी, वह बेहद चौंकाने वाली है। 

पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर मिले कंकाल 

सर्च ऑपरेशन को गई टीम को लिंचोली और गौरीकुंड से लेकर रामबाड़ा के बीच शवों के कंकाल मिले हैं। इस रूट पर एक पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर चार नर कंकाल पाए गए। इसके अलावा रामबाड़ा और त्रियुगीनारायण के उस रूट पर कंकाल मिले, जहां पहले कई सर्च ऑपरेशन चलाए जा चुके हैं। 

सरकार ने ये किया था दावा

हाईकोर्ट में दिए शपथ पत्र में सरकार ने केदारनाथ आपदा में चार हजार लोगों के लापता होने की बात कही थी। इस दौरान चलाए गए सर्च ऑपरेशन से 678 शव बरामद किए गए। जबकि 2014 से 2017 तक चलाए गए अभियान के दौरान कई नर कंकाल बरामद हो चुके हैं। अशोक कुमार (अपर पुलिस महानिदेशक) का कहना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा। रिपोर्ट का परीक्षण किया जाएगा। हाईकोर्ट में रिपोर्ट कब पेश होगी, इस पर कुछ कहना उचित नहीं है। 

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