अशासकीय कॉलेज के शिक्षकों व कर्मचारियों ने बनाया संयुक्त मोर्चा
अंब्रेला एक्ट में अशासकीय महाविद्यालयों को दिए जाने वाले अनुदान का प्रविधान खत्म किए जाने के विरोध में उत्तराखंड के 18 अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने संयुक्त संघर्ष मोर्चे का गठन किया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: अंब्रेला एक्ट में अशासकीय महाविद्यालयों को दिए जाने वाले अनुदान का प्रविधान खत्म किए जाने के विरोध में उत्तराखंड के 18 अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने संयुक्त संघर्ष मोर्चे का गठन किया है। यह मोर्चा अपनी चिंताओं से शासन और सरकार को अवगत करवाएगा।
सरकार की ओर से अम्ब्रेला एक्ट में किए गए बदलाव को लेकर प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघर्षरत हैं। इसी क्रम में गुरुवार को अशासकीय कॉलेज शिक्षक एसोसिएशन और अशासकीय कॉलेज नॉन टीचिंग कर्मचारी एसोसिएशन ने बैठक कर संयुक्त रूप से आदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। अशासकीय कॉलेज शिक्षक एसोसिएशन के सचिव डॉ. डीके त्यागी और अशासकीय कॉलेज नॉन टीचिंग कर्मचारी एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव गजेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि एक्ट में संशोधन नहीं होने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने इस मसले पर समाज के विभिन्न वर्गो, राजनीतिक दलों, अभिभावकों और छात्रों के समर्थन पर आभार जताया। बैठक में मोर्चे की आगामी रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई। एसएफआइ ने की निंदा
स्टू़डेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की राज्य कमेटी ने अशासकीय महाविद्यालयों का अनुदान समाप्त किए जाने की निंदा करते हुए सरकार के इस फैसले को शिक्षा विरोधी करार दिया है। एसएफआइ के राज्य महामंत्री हिमाशु चौहान ने कहा कि सरकार के इस फैसले का अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के सामने आíथक संकट पैदा हो जाएगा। सरकार को तत्काल यह फैसला वापस लेना होगा अन्यथा छात्र आदोलन के लिए सड़क पर उतरेंगे।