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सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्‍कूलों में शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से मिली मुक्ति

राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हजारों शिक्षकों गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्ति मिली गई है।

By Edited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 09:09 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 11:29 AM (IST)
सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्‍कूलों में शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से मिली मुक्ति
सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्‍कूलों में शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से मिली मुक्ति

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हजारों शिक्षकों के लिए खुशखबरी। शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य नहीं लिए जा सकेंगे। इस संबंध में शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं।

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दरअसल, निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 लागू होने के चलते शिक्षकों के लिए कई व्यवस्थाएं सरकार लागू कर चुकी है। इसके बावजूद उक्त अधिनियम में शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य नहीं लिए जाने की व्यवस्था को अमल में नहीं लाया जा सका है। 

खासतौर पर जिलों में जिला प्रशासन की ओर से गैर शैक्षिक कार्यो में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है। शिक्षक संगठन इस मामले को शिक्षा मंत्री और सचिव के साथ बैठकों में भी उठा चुके हैं। अब उक्त अधिनियम का हवाला देते हुए शिक्षा सचिव ने जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। 

आदेश में कहा गया है कि उक्त अधिनियम में शिक्षकों को दस वर्षीय जनगणना, आपदा राहत कर्तव्यों या यथास्थिति, स्थानीय प्राधिकारी या राज्य विधानमंडलों या संसद के निर्वाचनों से संबंधित कर्तव्यों से अलग किसी गैर शैक्षिक कार्य नहीं लिए जा सकते हैं। अब जिलाधिकारियों को उक्त प्रावधान का पालन करना होगा।

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