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कुल्हड़ में तंदूरी चाय की सौंधी-सौंधी महक, लेनी है चाय की चुस्‍की तो चले आइए यहां

अब आप दून में खास तंदूरी चाय का भी लुत्फ ले सकते हैं। यह चाय एक खास रेसिपी की मदद से तैयार होती है और बाद में इसमें गर्म कुल्हड़ का तड़का दिया जाता है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 03:55 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 09:22 AM (IST)
कुल्हड़ में तंदूरी चाय की सौंधी-सौंधी महक, लेनी है चाय की चुस्‍की तो चले आइए यहां
कुल्हड़ में तंदूरी चाय की सौंधी-सौंधी महक, लेनी है चाय की चुस्‍की तो चले आइए यहां

देहरादून, हिमांशु जोशी। आप खाने-पीने के शौकीन हैं तो तंदूरी चिकन या तंदूरी रोटी का जायका भी जरूर लिया होगा। लेकिन, अब आप दून में खास ‘तंदूरी चाय’ का भी लुत्फ ले सकते हैं। यह चाय एक खास रेसिपी की मदद से तैयार होती है और बाद में इसमें गर्म कुल्हड़ का तड़का दिया जाता है। खास जायका और बनाने के खास अंदाज की वजह से यह चाय इन दिनों लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। देहरादून के किशन नगर चौक इलाके में ‘3कैफे टियर’ नाम से खुली चाय की दुकान में यह तंदूरी चाय उपलब्ध है।’ 

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शाम पांच बजे बाद मिलती है चाय

यदि आप भी इन दिनों तंदूरी चाय पीने की योजना बना रहे हैं तो इसके लिए आपको शाम के पांच बजने का इंतजार करना होगा। क्योंकि, इससे पहले दुकान में सामान्य चाय ही उपलब्ध होती है। दुकान मालिक नबील ने बताया कि गर्मियों के सीजन में शाम को पांच बजे के बाद चाय दी जाती है, जबकि सर्दियों के मौसम में सुबह से ही दुकान में तंदूरी चाय बनने लगती है।

ऐसे आया आइडिया

आइडिया कोई भी हो सकता है और कहीं से भी आ सकता है। बस! महत्वपूर्ण यह है कि आप इसे इम्प्लीमेंट कैसे करते हैं। दुकान के मालिक नबील को तंदूरी चाय बनाने का आइडिया यू-ट्यूब से मिला। करीब एक साल पहले की बात होगी, नबील यू-ट्यूब पर सर्च कर रहे थे। तभी उनकी एक वीडियो पर नजर पड़ी, जिसमें पुणो में तंदूरी चाय की दुकान खुलने का जिक्र था। बकौल नबील, ‘हमने यह वीडियो देखा और सोचा कि क्यों न देहरादून में भी इस तरह की एक दुकान खोली जाए। पिछले वर्ष सितंबर में हमने यह दुकान खोली, जिसका हमें काफी अच्छा रिस्पांस भी मिला। अब तो देहरादून ही नहीं, मसूरी से भी लोग चाय की चुस्कियां लेने हमारे दुकान पर आ रहे हैं।’

ऐसे बनती है तंदूरी चाय

दुकान मालिक नबील के मुताबिक, तंदूरी चाय बनाने का एक खास तरीका है। पहले कुल्हड़ को तंदूर की भट्टी पर गर्म कर लिया जाता है। फिर तपते कुल्हड़ में पहले से ही थोड़ा कम पकी चाय को डाला जाता है। चाय को गर्म कुल्हड़ में डालते ही बुलबुले उठने लगते हैं और इसी के साथ चाय सर्व के लिए तैयार हो जाती है। गर्म कुल्हड़ चाय को सौंधी महक से भर देता है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होती है चाय को सामान्य कुल्हड़ में डालकर ग्राहकों को सर्व किया जाता है।

यूथ की है खास पसंद

दुकान मालिक नबील ने बताया कि तंदूरी चाय पीने आने वालों में सबसे ज्यादा युवा होते हैं। मसूरी से भी लोग यहां चाय पीने के लिए पहुंचते हैं। चाय पीने पहुंचे कौलागढ़ निवासी समीर और आयशा बताते हैं कि अब तक उन्होंने केवल यू-ट्यूब में ही तंदूरी चाय पीते हुए लोगों को देखा था, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि दून में भी तंदूरी चाय की दुकान खुल गई है तो वह यहां चाय पीने पहुंच गए। बताया कि मिट्टी की सौंधी-सौंधी महक और इलायची का जायका इसे दूसरी चाय से अलग फ्लेवर प्रदान करता है। 

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