कमाई से है प्रेम तो मत करो पिन का लेन-देन, बरते ये सतर्कता Dehradun News
आपकी गाढ़ी कमाई जालसाजों की गिद्ध दृष्टि से दूर रहे तो सतर्क रहिये। क्रेडिट-डेबिट कार्ड या चेक की सुरक्षा में छोटी-सी चूक का अंजाम बेहद गंभीर हो सकता है।
देहरादून, जेएनएन। जैसे-जैसे बैंकिंग हाईटेक हो रही है, उसी रफ्तार से साइबर क्राइम का ग्राफ भी ऊपर चढ़ता जा रहा है। जालसाज नए-नए तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे हैं। अब तो उन्होंने सुरक्षित माने जाने वाले बैंक और सरकारी महकमों के खातों में भी सेंध लगानी शुरू कर दी है।
ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपकी गाढ़ी कमाई जालसाजों की गिद्ध दृष्टि से दूर रहे तो सतर्क रहिये। क्रेडिट-डेबिट कार्ड या चेक की सुरक्षा में छोटी-सी चूक का अंजाम बेहद गंभीर हो सकता है। आपकी कमाई तो लुटेगी ही, उसे वापस पाने के लिए महीनों पुलिस थाने के चक्कर काटने पड़ सकते हैं, सो अलग।
बीते साल दर्ज हुए धोखाधड़ी के करीब चार सौ मुकदमे यह बताने के लिए काफी हैं कि जालसाजों का दुस्साहस कितना बढ़ गया है। दरअसल, डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लोग मोबाइल पर ही बैंकिंग से लेकर तमाम काम ऑनलाइन करने लगे हैं। डेबिट और क्रेडिट कार्ड भी अब तकरीबन हर हाथ में है। इनकी सुरक्षा को लेकर हम उतने गंभीर नहीं हैं। जिसका फायदा जालसाज उठाते हैं।
गंभीर बात यह है कि रोजाना ऐसी घटनाओं की जानकारी मिलने के बाद भी हम उनसे सबक नहीं लेते। जबकि बैंकों समेत तमाम एजेंसियां एटीएम कार्ड और ऑनलाइन वॉलेट की सुरक्षा को लेकर संदेश व अन्य माध्यमों से जागरूक करती रहती हैं। बैंक भी चेक के क्लियरेंस के दौरान अक्सर लापरवाही कर जाते हैं।
धोखाधड़ी के कुछ चर्चित मामले
-फरवरी 2019 में घंटाघर स्थित पीएनबी शाखा में कार शोरूम मालिक के खाते से ठगों ने 13.1 लाख रुपये उड़ा लिए थे। ठगों ने शोरूम का मालिक बनकर बैंक मैनेजर को फोन किया। खाते से चेक और आरटीजीएस के माध्यम से अपने खातों में रकम ट्रांसफर करा ली।
-2019 में ही जुलाई-अगस्त के दौरान कूर्मांचल बैंक के एटीएम से सवा चार करोड़ रुपये की ठगी कर ली गई। इस मामले में छह दिसंबर को साइबर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।
-नवंबर 2019 में रिटायर्ड बैंक अधिकारी से करीब एक करोड़ रुपये की ठगी हुई। ठगों ने उन्हें विदेश से आए पार्सल छुड़ाने के बदले मोटी कमाई का लालच दिया था।
-सितंबर 2019 में शराब कारोबार में निवेश कराने के नाम पर कार शोरूम के मैनेजर समेत आधा दर्जन से एक करोड़ से अधिक की ठगी कर ली गई।
-2019 में ही सितंबर व अक्टूबर में जालसाजों ने आरटीओ देहरादून के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर तीन लोगों से लाखों की ठगी कर ली। जालसाजों का पुलिस अब तक पता नहीं लगा सकी है।
-अक्टूबर 2019 में वायुसेना की मेस के सरकारी खाते से डेढ़ लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई। इस मामले में क्लेमेनटाउन पुलिस एक ठेकेदार समेत चार लोगों को जेल भेज चुकी है। आरोप लगा कि ठेकेदार ने मेस में काम करने के दौरान दो चेक चोरी कर लिए थे।
ऐसे दे सकते हैं जालसाजों को मात
-सप्ताह में कम से कम एक बार अपने बैंक खाते की डिटेल जरूर चेक करें।
-एटीएम कार्ड का पिन नंबर किसी के साथ भी साझा न करें।
- रिटेल स्टोर्स, रेलवे या बस अड्डों पर लगे एटीएम से रुपये न निकालें। यहां पर स्कीमिंग डिवाइस का अधिक खतरा होता है।
-इंटरनेट बैंकिंग के इस्तेमाल के लिए कभी भी सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल न करें।
-किसी भी वेबसाइट पर अपनी गोपनीय जानकारी देने से पहले यह सुनिश्चिति कर लें कि वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं।
-नियमित अंतराल पर डेबिट-क्रेडिट कार्ड का पिन बदलते रहें। एक ही नंबर का दोबारा उपयोग न करें।
-एटीएम से निकासी के बाद पर्ची को इधर-उधर न फेंके। इसमें कुछ अहम जानकारियां होती है, जिसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
-डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग के पासवर्ड को कभी भी सोशल साइट्स पर शेयर न करें।
-खाते पर आवंटित चेकों को सुरक्षित रखें। लंबे समय से पड़े चेकों को फेंके नहीं, इसे बैंक को वापस कर दें।
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गोपनीय जानकारी को लेकर रहना होगा सतर्क
डीआइडी एवं दून के एसएसपी अरुण मोहन जोशी के अनुसार, बैंक अकाउंट और एटीएम कार्ड से जुड़ी गोपनीय जानकारी को लेकर आम लोगों को सतर्क होना होगा। पुलिस की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। जालसाजों पर शिकंजा कसने की पूरी कोशिश की जा रही है।
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