Sweet Adulteration Test: सावधान! कहीं मिलावट आपकी दीपावली न कर दे फीकी, ऐसे करें पहचान
दुकानों में सजी रंग-बिरंगी मिठाइयां देखते ही मुंह में पानी आ जाता है लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक है इसका हमें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है। दरअसल त्योहारी सीजन में आम दिनों के मुकाबले मिठाइयों की खपत 15 से 20 गुना तक बढ़ जाती है।
देहरादून, जेएनएन। Sweet Adulteration Test दुकानों में सजी रंग-बिरंगी मिठाइयां देखते ही मुंह में पानी आ जाता है और हम झट से लपक पड़ते हैं इन मिठाइयों की ओर, लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक है इसका हमें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं है। दरअसल, त्योहारी सीजन में आम दिनों के मुकाबले मिठाइयों की खपत 15 से 20 गुना तक बढ़ जाती है। मिठाइयों में जहां आवश्यकता से अधिक चीनी का प्रयोग होता है, वहीं कुछ ऐसे रंग भी उनमें डाले जाते हैं जो देखने में तो आकर्षक लगते हैं, लेकिन सेहत पर उनका विपरीत प्रभाव पड़ता है। उस पर दुकानदार मिठाइयों पर कैमिकल या खतरनाक रंग चढ़ा देते हैं। त्योहारी सीजन की आड़ में मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं।
ऐसे होती है मिलावट
घटिया किस्म के मावे में उबला हुआ आलू, मैदा की बड़ी मात्रा में मिलावट कर मिठाइयां तैयार की जाती हैं। कुछ मिठाइयों में अवधि पार ग्लूकोज पाउडर, बेसन, सूजी, मैदा और रंग डालकर मिठाई बाजार में खपाई जाती हैं।
ऐसे करें पहचान
स्पेक्स के सचिव डॉ. बृजमोहन शर्मा ने बताया कि मिठाई के वर्क पर कास्टिक सोडा की कुछ बूंद डालें। वर्क चांदी के बजाय एल्युमिनियम का होगा तो गल जाएगा। एल्युमिनियम का वर्क चांदी के बजाय थोड़ा मोटा भी होता है। दूध में आयोडीन में मिलाने से रंग नीला हो जाए तो स्टार्च की मिलावट हो सकती है। आयोडीन विधि से दूध और मावा की बनी मिठाइयों की जांच की जा सकती है।
पैक मिठाइयों पर भी न करें भरोसा
बाजारों में मिलने वाली पैक मिठाइयों पर भी भरोसा न करें। बैच एक्सपाइरी डेट चेक करें। कसेला स्वाद होने पर न खरीदें।
गुर्दे, लिवर तक पर असर
वरिष्ठ फिजीशियन मुकेश सुंद्रीयाल ने बताया कि मिलावटी मावा और रंग से बनी मिठाइयां स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। इनके सेवन से एलर्जी, उल्टी-दस्त से लेकर गुर्दे व लिवर पर घातक असर हो सकता है। ऐसे में मिठाई खरीदने में सावधानी बरतें।
किस-किस तरह की मिलावट
- चांदी के वर्क में एल्युमिनियम फ्वॉइल की मिलावट : चांदी के वर्क को जलाने से वह उतने ही भार की छोटी सी गेंद के रूप में बदल जाता है। जबकि एल्युमिनियम फ्वॉइल जलाने के बाद गहरे स्लेटी, ग्रे रंग का अवशेष बचता है।
- मावा या खोया में स्टार्च की मिलावट : मिठाई या खोये की थोड़ी मात्रा में पानी मिलाकर इस मिश्रण को उबालें। इसमें आयोडीन की पांच-सात बूंद डालें। यदि खोये या मिठाई का रंग नीला हो जाए तो समझ लीजिए मिलावट है।
- चख कर देखें : मिठाई को चख कर देखें। स्वाद ठीक न होने पर उसे हाथ में लेकर देखें कि उसमें चिकनाई कितनी है। खट्टी और बदल चुके स्वाद वाली मिठाई न खरीदें।