Swatantrata Diwas Political Greeting: राज्यपाल मौर्य और सीएम रावत ने दीं स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
Swatantrata Diwas Political Greeting राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने देशवासियों और प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। Swatantrata Diwas Political Greeting राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देशवासियों और प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी है। इस दौरान राज्यपाल ने बताया कि 15 अगस्त को सुबह साढ़े नौ बजे राजभवन में ध्वजारोहण करेंगी। कोविड-19 संक्रमण से संबंधित सावधानियों के कारण इस साल राजभवन में शाम को 'एट होम' कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा। सीएम रावत ने कहा कि सरकार उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने का हरसंभव प्रयास कर रही है। ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, सीएम डैश बोर्ड उत्कर्ष, सेवा का अधिकार और स्थानांतरण अधिनियम की पारदर्शी व्यवस्था से कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है। राज्य में निवेश लाने के लिए पूरी गंभीरता से काम किया गया है।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सीमा पर और आंतरिक सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। राज्यपाल मौर्य ने सभी महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वीर शहीदों के प्रति भी अपनी कृतज्ञता व्यक्त की है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। राज्यपाल ने राज्य आंदोलनकारियों को भी नमन किया है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल मौर्य ने कहा कि आजादी के सात दशकों के बाद भारत विश्व में एक मजबूत देश के रूप में अपना स्थान बना रहा है। देश ने अनेक चुनौतियों के होते हुए भी विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा और सफलतम लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंडवासी भारत के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर रक्षा क्षेत्र में उत्तराखंड के लोग अपने सैन्य परंपराओं को निभाते हुए अमूल्य सेवाएं दे रहे हैं।
मौर्य ने कहा था कि ये प्रसन्नता का विषय है कि उत्तराखंड राज्य समग्र विकास के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। राज्य की नीतियां समता मूलक क्षेत्रीय विकास पर केंद्रित हैं। कोविड-19 के वैश्विक महामारी के संकट काल ने प्रवासी उत्तराखंडवासियों के लिए 'रिवर्स माइग्रेशन' के द्वार खोले हैं। राज्य के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है। राज्य की परिश्रमी महिलाएं संपूर्ण देश के लिए आदर्श हैं। महिलाएं, राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रही हैं। आंगनवाड़ी और आशा बहनें महिला और बाल विकास के साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। कोविड-19 के स्वास्थ्य आपदा के दौर में भी आंगनवाड़ी और आशा बहनें कोरोना से बचाव और जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
कोरोना संक्रमण आज पूरे विश्व के समक्ष एक बड़ी चुनौती बन गया है। केंद्र सरकार के सहयोग और स्वयं के संसाधनों के माध्यम से उत्तराखंड सरकार ने संक्रमण के संकट काल को प्रभावशाली तरीके से प्रबंधित किया है। कोविड के दौर में संपूर्ण देश में लोगों में अद्भुत एकजुटता देखने को मिली है। उत्तराखंड में भी लोग एक दूसरे की सहायता के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आए हैं। लोगों ने सामाजिक सद्भाव और सौहार्द्र का परिचय दिया है।
राज्यपाल मौर्य ने कहा है कि हमें अपने फ्रंटलाइन डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों, मीडिया प्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों पर गर्व है, जो लोगों का जीवन बचाने के लिए अपनी अमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। कोविड-19 ने जहां हमारे समक्ष बहुत से संकट खड़े किए, वहीं दूसरी ओर हमारी चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार का अवसर भी प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत 400 से अधिक चिकित्सकों की नियुक्ति की है। राज्य में मौजूद पांच मेडिकल कॉलेजों के अतिरिक्त हरिद्वार और पिथौरागढ़ में नए मेडिकल कॉलेजों के स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। अटल आयुष्मान योजना के तहत राज्य के सभी परिवारों को पांच-पांच लाख की वार्षिक निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।
राज्यपाल ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस आपदा के दृष्टिगत प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान के माध्यम से देश में स्थानीय उत्पादों के उत्पादन, लघु और कुटीर उद्योग को प्रोत्साहन के साथ ही किसानों की आय में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इस अभियान से अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। कोरोना संक्रमण के इस दौर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार से भी देश की एक बड़ी आबादी को खाद्य सुरक्षा प्राप्त हुई है। इस योजना के तहत राज्य में लगभग 62 लाख लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य में रेड क्रॉस सोसाइटी ने भी राहत सामग्री वितरण और जागरूकता का कार्य किया जा रहा है।
कोरोना के चलते स्कूल-कॉलेज बंद
कोरोना के कारण स्कूल-कॉलेज अब भी बंद हैं। शिक्षा सुचारु रखना बड़ी चुनौती है। शिक्षण संस्थानों ने नवाचार और तकनीकि को जिस तरह अपनाया है, उससे उत्साह बढ़ता है। राष्ट्र की नयी शिक्षा नीति भी आ गयी है और उसमें भी पठन-पाठन के तकनीकि नवाचारों को महत्व दिया गया है। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो आज समय की मांग है। राज्य के विश्वविद्यालयों ने भी इस दौर में ऑनलाइन शिक्षा, सेमिनार और पठन-पाठन से जुड़ी गतिविधियों को जारी रखने का श्रेष्ठ प्रयास किया है। पढ़ाई के साथ-साथ कई यूनिवर्सिटी-कालेजों ने लोगों की सहायता के कार्य भी किए है।
देश को महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवाएं दे रहा उत्तराखंड
हिमालयी राज्य होने के कारण उत्तराखंड देश को महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवाएं दे रहा है। राज्य के लोगों विशेषकर युवाओं और छात्र-छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण के साथ ही वृक्षारोपण में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए। राज्यपाल मौर्य ने राज्यवासियों से अपील की है कि 15 अगस्त के राष्ट्रीय पर्व पर प्रत्येक नागरिक यह संकल्प लें कि पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के भाव से राज्य के विकास और प्रगति में योगदान के लिए अपनी क्षमता अनुसार सदैव तत्पर रहेंगे।