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कोरोना वायरस को संयम और साहस से हराएं: स्वामी चिदानंद सरस्वती

परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि पीएम ने 21 दिन का लॉक डाउन घोषित किया है। इस अवधि को अपने घर में बिताना है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 12:04 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 12:04 PM (IST)
कोरोना वायरस को संयम और साहस से हराएं: स्वामी चिदानंद सरस्वती
कोरोना वायरस को संयम और साहस से हराएं: स्वामी चिदानंद सरस्वती

ऋषिकेश, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जंग के लिए प्रधानमंत्री पूरे देश में 21 दिन का लॉक डाउन घोषित किया है। इस अवधि को संयम और साहस के साथ अपने घर में बिताना है। यह बातें परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम ऋषिकेश के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने दैनिक जागरण से कही।

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देश का प्रत्येक नागरिक लॉकडाउन के दौरान अपने अपने घरों में समय व्यतीत कर रहा है। सब के तरीके अपने-अपने है। स्वामी चिदानंद सरस्वती की दिनचर्या को देखें तो यह अपने आप में आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाने वाली है। प्रात: काल 4:30 बजे वह उठते हैं। दो गिलास गर्म पानी, जिसमें नींबू, दालचीनी, अदरक, शहद मिला होता है। इसके अतिरिक्त आधा गिलास गिलोह रस का सेवन करते हैं। नित्य कर्म से निवृत्त होने के बाद वह आश्रम परिसर के भीतर घूमते हैं। 

सुबह 6:00 बजे अपनी कुटिया में प्राणायाम, ध्यान और योग करते हैं। यह क्रम करीब एक घंटा निरंतर जारी रहता है। प्रात: सात बजे वह गायत्री का जप करते हैं। वर्तमान में चैत्र नवरात्र को देखते हुए आठ से साढ़े आठ बजे तक वह हवन में शामिल होते हैं। इसके बाद पक्षियों को दाना देना उनकी दिनचर्या में शामिल है।

सुबह साढ़े आठ बजे वह फल का नाश्ता करते हैं। उससे पूर्व वह पांच पत्ते तुलसी और नीम का सेवन करते हैं। सुबह नौ से साढ़े ग्यारह बजे तक आश्रम वासियों के साथ उचित दूरी बनाते हुए रामायण का पाठ करते हैं। वर्तमान में लॉकडाउन के कारण बेसहारा और भिक्षुक भोजन से वंचित ना रहे इसके लिए उन्होंने आश्रम के द्वार पर भोजन वितरण की व्यवस्था की है जो वह अपने हाथों से देते हैं।

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दोपहर डेढ़ बजे भोजन में सिर्फ फल का आहार निर्धारित है। ढाई बजे फिर रामायण पाठ में शामिल होते हैं। उसके बाद वह आश्रम में रुके विदेशी और घरेलू मेहमानों के साथ उनकी समस्या और सुविधाओं पर चर्चा करते हैं। शाम को पांच बजे वह पूरा भोजन लेते हैं। जिसमें दाल, रोटी और सब्जी शामिल है। सायं छह बजे, ऋषि कुमारों के साथ गंगा आरती में बिताते हैं। सात बजे से लेकर सुबह तक वह कुटिया में प्रवास को चले जाते हैं। इस बीच वह किसी से नहीं मिलते। कहा कि लॉकडाउन को नागरिक गंभीरता से लें।

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