शासन ने एनएच-74 घोटाला मामले में निलंबित आइएएस चंद्रेश यादव को सशर्त किया बहाल
शासन ने एनएच-74 चौड़ीकरण मुआवजा वितरण मामले में अनियमितताओं के लिए निलंबित किए गए आइएएस अधिकारी चंद्रेश यादव को सशर्त बहाल कर दिया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शासन ने एनएच-74 (हरिद्वार-ऊधमसिंहनगर-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग) चौड़ीकरण मुआवजा वितरण मामले में अनियमितताओं के लिए निलंबित किए गए आइएएस अधिकारी चंद्रेश यादव को सशर्त बहाल कर दिया है। हालांकि, उनकी बहाली के आदेश से उनके विरुद्ध चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाही पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बहाली के बाद फिलहाल उन्हें कोई विभाग नहीं सौंपा गया है।
एनएच-74 मुआवजा वितरण घोटाले में शासन ने इसी वर्ष सितंबर में आइएएस अधिकारी डॉ. पंकज कुमार पांडेय और चंद्रेश कुमार यादव को निलंबित कर दिया था। इस मामले में दूसरे आइएएस डॉ. पंकज कुमार पांडेय पर तो शासन ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी लेकिन चंद्रेश यादव पर लगे आरोप आपराधिक श्रेणी के दायरे से बाहर रखे गए थे। इस बीच निलंबन अवधि के 30 दिन गुजर जाने के बाद आइएएस अधिकारी चंद्रेश यादव ने राज्य सरकार को एक पत्र भेजकर अखिल भारतीय सेवा के नियमों का हवाला देते हुए अपना निलंबन समाप्त करने का अनुरोध किया था। तब सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
बुधवार को शासन ने उनका सशर्त निलंबन समाप्त कर दिया है। निलंबन के तकरीबन ढाई माह बाद अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से जारी बहाली आदेश में कहा गया है कि इस आदेश का आइएएस चंद्रेश कुमार यादव के विरुद्ध प्रचलित अनुशासनात्मक कार्यवाही पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और यह तब तक चलती रहेगी जब तक उक्त कार्यवाही के संबंध में कोई आदेश जारी नहीं होता।
निलंबन की इस अवधि में उनके अवशेष वेतन के भुगतान आदि का मसला उनके खिलाफ चल रही जांच के निस्तारण के बाद ही लिया जाएगा। पांडेय व यादव ने दिया जवाब एनएच-74 चौड़ीकरण मुआवजा प्रकरण में निलंबित किए गए आइएएस अधिकारी डॉ. पंकज कुमार पांडेय और चंद्रेश कुमार यादव ने तकरीबन ढाई माह बाद अपना जवाब शासन को सौंप दिया है।
सूत्रों की मानें तो दोनों ही अधिकारियों ने अपने पर लगे आरोपों को नकारा है। साथ ही अपने कार्यो को पूर्व में प्रचलित व्यवस्था और कार्य को गति देने के लिए उठाया गया कदम बताया है। सूत्रों के अनुसार इन अधिकारियों द्वारा हाल ही में दिए गए जवाब के बाद चंद्रेश कुमार यादव के निलंबन को समाप्त कर उन्हें बहाल किया गया।
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