Surya Grahan 2020: सूर्यग्रहण के सूतक काल में 16 घंटे बंद रहेंगे चारधाम के कपाट, इन बातों का रखें खास ख्याल
Surya Grahan 2020 चारधामों के कपाट सूतक काल में 16 घंटे बंद रहेंगे। 21 जून को लगने जा रहे सूर्यग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानि 20 जून रात 10.25 से शुरू हो जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। Surya Grahan 2020 उत्तराखंड में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट सूतक काल में 16 घंटे बंद रहेंगे। आज रात दस बजे से मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 21 जून को लगने जा रहे सूर्यग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानि 20 जून रात 10. 25 से शुरू हो जाएगा, जो रविवार दोपहर एक बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इसके चलते चारों धामों के कपाट बंद रहेंगे। रविवार को दो बजे के बाद मंदिरों में साफ-सफाई की जाएगी। इसके बाद ही पूजा शुरू होगी।
इस साल का पहला सूर्यग्रहण 21 जून को लगने जा रहा है, जो तीन घंटा 30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान खाने-पीने की भी मनाही रहेगी। साथ ही चारधाम समेत मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद उनियाल ने बताया कि इस ग्रहण से 20 जून शाम से सूतक काल शुरू हो जाएगा। वहीं, गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित और गंगोत्री मंदिर समिति सचिव दीपक सेमवाल ने बताया शनिवार की रात साढ़े नौ बजे से लेकर रविवार दोपहर दो बजे तक गंगोत्री धाम के कपाट बंद रहेंगे।
रविवार दोपहर बाद साफ सफाई कर मां गंगा की पूजा अर्चना की जाएगी। साथ ही मां गंगा को भोग लगाया जाएगा और आरती की जाएगी। यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव कृतेश्वर उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री धाम में शनिवार की शाम साढ़े सात बजे पूजा अर्चना होगी, जिसके बाद कपाट बंद किए जाएंगे। 21 जून की दोपहर दो बजे बाद कपाट खोले जाएंगे। साथ ही यमुना आरती के साथ राजभोग लगाया जाएगा।
भारत समेत कई देशों पर दिखेगा सूर्यग्रहण का असर
भारत समेत कई देशों पर सूर्यग्रहण का असर दिखेगा। ज्योतिषाचार्यों की माने तो सूर्य ग्रहण के समय ग्रह और नक्षत्रों का ऐसा संयोग बनने जा रहा है, जो पिछले 500 वर्षों में नहीं बना। आचार्य डॉ. सुशांत राज की माने तो इस दिन एक और खगोलीय घटना होने वाली है, जिसमें सूर्य कर्क रेखा के ठीक ऊपर आ जाएगा। ये साल का सबसे बड़ा दिन भी होगा। सदी का दूसरा ऐसा सूर्य ग्रहण है, जो 21 जून को हो रहा है। इससे पहले 2001 में 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था।
सूतककाल में इन बातों का रखें ख्याल
उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं का कहना है कि ग्रहण का बच्चों, वृद्ध और बीमार पर कोई दोष नहीं लगता। घर के जलपात्र में तुलसी, कुशा, तिल, तुलसी डालकर स्नान करें। गर्भवती महिलाओं को ग्रहणकाल में सोना, भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा सभी के लिए इस दिन नियम होते हैं कि उन्हें सोना, यात्रा करना, पत्ते को छेदना, तिनका तोडऩा, कपड़े धोना, लकड़ी काटना, कपड़े सिलना, गाय व भैंस का दुग्ध निकालना, हाथी और घुड़सवारी से बचना चाहिए।
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इसबार नजर आएगा वलयाकार सूर्यग्रहण
वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चांद अन्य दिनों की तुलना में धरती से दूर हो जाता है। इससे उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक ले। वलयाकार सूर्यग्रहण में चांद के बाहरी किनारे पर सूर्य रिंग यानी अंगूठी की तरह काफी चमकदार दिखता है।
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