अटल आयुष्मान योजना: मरीजों ने सबसे ज्यादा लिया सर्जरी का लाभ
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना का लाभ लेने वाले लोगों में सबसे अधिक सर्जरी कराने वाले हैं। योजना के तहत निश्शुल्क आइसीयू सुविधा से लेकर हृदय रोग तक का उपचार मिल रहा है।
देहरादून, जेएनएन। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना का लाभ लेने वाले लोगों में सबसे अधिक सर्जरी कराने वाले हैं। इसके बाद डायलिसिस कराने वालों का नंबर है। यही नहीं, योजना के तहत निश्शुल्क आइसीयू सुविधा से लेकर हृदय रोग व कैंसर तक का उपचार मरीजों को मिल रहा है।
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अध्यक्ष डीके कोटिया ने शुक्रवार को योजना की प्रगति जानी। अधिकारियों ने शुरुआत से तमाम विवरण उनके समक्ष प्रस्तुत किए। बताया गया कि योजना के तहत 2232 मरीजों ने राज्य एवं राज्य से बाहर विभिन्न अस्पतालों में निश्शुल्क उपचार लिया है। उपचार लेने वालों में सबसे अधिक 950 लोगों द्वारा सर्जरी कराई गई। जबकि 885 मरीजों को निश्शुल्क डायलसिस की सुविधा मिली। उपचार के दौरान 34 मरीजों को आइसीयू में भर्ती किया गया और 56 मरीजों को हृदय रोगों से संबंधित उपचार दिया गया।
इसके अतिरिक्त 118 मरीजों को हड्डी रोग, 53 मरीजों को पेशाब संबंधित बीमारियों और 96 मरीजों को कैंसर का उपचार मिला है। इसी तरह 260 लाभार्थियों ने नेत्र चिकित्सा व 80 ने स्त्री एवं प्रसूती संबंधित उपचार लिया। कोटिया ने इसे एक अच्छी पहल बताते हुए योजना को राज्यवासियों के लिए महत्वपूर्ण व जनकल्याणकारी बताया। उन्होंने अस्पतालों को त्वरित भुगतान किए जाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। बताया गया कि अभी तक दो करोड़ 12 लाख से अधिक के दावे प्राप्त हो चुके हैं, जिसके सापेक्ष 508 दावों का भुगतान 49 लाख 84 हजार कर दिया गया है। अभी तक जिन अस्पतालों में मरीजों ने उपचार लिया है उनमें राज्य के सरकारी चिकित्सालयों के अलावा एम्स नई दिल्ली, सफदरजंग अस्पताल, पीजीआइ चंडीगढ़ एवं अंबाला, बरेली, मुरादाबाद, शिमला आदि के प्रमुख अस्पताल सम्मिलित हैं।
परिवार के एक व्यक्ति का नाम, तो सभी को मिलेगा लाभ
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत परिवार के हर सदस्य का नाम सूची में शामिल होना आवश्यक नहीं है। परिवार के किसी एक सदस्य का नाम भी अगर सूची में शामिल है तो उसके हर सदस्य को लाभ मिलेगा। इसके लिए उन्हें उस सदस्य के साथ अपने रक्त संबंध (रिश्ते) को प्रमाणित करते दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे।पात्रता सूची में नहीं है नाम तो क्या करें
2012 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के राशन कार्ड, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना और मतदाता प्रमाण पत्र के आधार पर पात्र लोगों के नाम तलाशे जा रहे हैं। इसके बावजूद अगर उत्तराखंड के किसी मूल निवासी या उसके परिवार के लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं हैं तो वह परिवार रजिस्टर की नकल ला सकते हैं। उसकी जाच के बाद नाम जोड़ दिया जाएगा।
आयुष्मान का लाभ न मिलने पर निगम कर्मियों में आक्रोश
अटल आयुष्मान योजना का लाभ न दिए जाने के साथ ही आवास भत्ता व सातवें वेतनमान के अवशेष वेतन का भी भुगतान न होने पर निगमों के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। राज्य निगम कर्मचारी, अधिकारी महासंघ ने मांगों को लेकर 22 जनवरी को परेड ग्राउंड में विरोध स्वरूप धरना-प्रदर्शन करने का एलान किया है।
महासंघ की बैठक शुक्रवार को परेड ग्राउंड में आयोजित की गई, जिसमें कर्मचारियों के विभिन्न मांगों पर चर्चा कर आंदोलन की रणनीति बनाई गई। वक्ताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के करोड़ों लोगों व कर्मचारियों को अटल आयुष्मान योजना का लाभ दिए जाने की घोषणा की है, लेकिन सार्वजनिक निगमों के करीब 40 हजार कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अभी तक योजना से वंचित रखा जा रहा है। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।
इसके साथ ही राज्य कर्मचारियों के लिए आवास भत्ता स्वीकृत किया गया है और उन्हें सातवें वेतन आयोग का अवशेष भुगतान कर दिया गया है, लेकिन निगमों के कर्मचारियों के लिए कोई भी आदेश जारी नहीं किए गए हैं। वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक निगमों के हित के लिए शासन स्तर पर बैठक किए जाने का निर्णय लिया था। इसके बाद भी निगमों की हालत दयनीय है। यहां तक कि निगमों के कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा है।
महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुसाई ने कहा कि शासन व सरकार महासंघ के अनुरोध को कमजोरी समझ रहे हैं और मांगों पर गंभीर नहीं हैं। महासचिव वीएस रावत ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि 13 सूत्रीय मांगों को लेकर 22 जनवरी को परेड ग्राउंड में धरना दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर कार्रवाई नही हुई तो महासंघ बड़ा आंदोलन करेगा। बैठक में अश्वनी त्यागी, दयाल रावत, विपिन बिजल्वाण, दिनेश पंत, अनुराग नौटियाल, रामकुमार, योगेंद्र सिंह, प्रेम सिंह रावत आदि मौजूद थे।
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