जम्मू कश्मीर में शहीद हुए सूरज और सुरजीत को दी गर्इ श्रद्धांजलि
राजौरी में माइन ब्लास्ट की चपेट में आने से शहीद हुए अल्मोड़ा जनपद के लांस नायक सूरज सिंह और चमोली जिले के सुरजीत सिंह को श्रद्धांजलि दी गर्इ।
देहरादून, जेएनएन। जम्मू कश्मीर के राजौरी में माइन ब्लास्ट की चपेट में आने से शहीद हुए अल्मोड़ा जनपद के लांस नायक सूरज सिंह और चमोली जिले के सुरजीत सिंह के पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाए गए। जहां लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
अल्मोड़ा के आर्मी ग्राउंड में सूरज सिंह को श्रद्धजंलि दी गई। इस दौरान केंद्रीय कपड़ा मंत्री अजय टम्टा सहित सेना के तमाम अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर रहे। यहां से उनका पार्थिव देह को सेना के वाहन से उनके मूल गांव पलड़ीगूंठ भनौली ले जाया जाया गया।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेेक्टर में बारूदी सुरंग में विस्फोट से शहीद हुए 10, गढ़वाल राइफल के जवान सुरजीत सिंह राणा का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह उनके पैतृक गांव स्यूंण पहुंचा। जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचा, तो पूरा गांव गमगीन हो उठा। शहीद की विधवा मां और पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था। पिछले माह सुरजीत दो माह की छुट्टी पूरी कर 21 नवंबर को अपनी पोस्ट राजौरी में ड्यूटी ज्वाइन करने गया था।
पैतृक घाट दूधगंगा में शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे। डीएम समेत कई अधिकारी मौजूद थे। शहीद के भतीजे अर्जुन राणा व उनके बड़े भाई महावीर सिंह राणा ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी गई। इस दौरान भारतीय सेना के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी।
अंतिम यात्रा में 'जब तक सूरज चांद रहेगा, सुरजीत तुम्हारा नाम रहेगा' के नारे से पूरी घाटी गूंज रही थी। शहीद की अंतिम यात्रा में ग्राम प्रधान स्यूंण जगदीश नेगी, ग्राम प्रधान बेमरू रविंद्र नेगी, पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र भंडारी, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, उपजिलाधिकारी परमानंद राम, तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ के अलावा सैकड़ों लोग शामिल हुए।
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