बढ़ेगी मुसीबत, खाद्य सामग्री की सप्लाई रोकी
जागरण संवाददाता, देहरादून: ट्रकों की हड़ताल से अब तक केवल औद्योगिक घराने और कारोबार
जागरण संवाददाता, देहरादून: ट्रकों की हड़ताल से अब तक केवल औद्योगिक घराने और कारोबारी ही परेशान थे मगर अब जनता पर इसका सीधा प्रभाव पड़ने वाला है। शुक्रवार सुबह हड़ताली ट्रक ऑपरेटरों के समर्थन में खाद्य सामग्री के ट्रक वालों ने भी माल की सप्लाई रोक दी। इस वजह से शहर में फल-सब्जी, दूध व पनीर जैसी आवश्यक सेवाओं की आवक में कमी हो गई है। वहीं, उद्योगों में भी काम ठप पड़ा है। आधे उद्योगों में ताला लग गया है और शेष में भी उत्पादन बंद होने की कगार पर पहुंच गया है।
20 जुलाई से चल रही देशव्यापी ट्रकों की बेमियादी हड़ताल से अब तक खाद्य व आवश्यक सेवाओं को छूट मिली हुई थी। इस कारण हड़ताल का आमजन पर सीधा असर नहीं पड़ रहा था। यही वजह थी कि सरकार ने भी हड़ताली ट्रांसपोर्टरों से कोई संवाद नहीं किया। हड़तालियों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ भी किया और शुक्रवार से खाद्य सामग्री की सप्लाई रोकने की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद सरकार नहीं चेती और ट्रांसपोर्टरों ने शुक्रवार सुबह से खाद्य सामग्री के ट्रक रोकने आरंभ कर दिए। हालांकि, ट्रांसपोर्टरों का दावा है कि खाद्य सामग्री व आवश्यक सेवाओं से जुड़े ट्रक आपरेटरों ने खुद हड़ताल को समर्थन दिया है। खाद्य सामग्री की सप्लाई बंद होने से सब्जी मंडियों में ताजा सब्जी नहीं आई और आढ़तियों ने पुराने माल को ही मंडी में भेजा। आलू, प्याज एवं सेब की सप्लाई में तेजी से कमी आई है। ऐसे में महंगाई बढ़ने का अंदेशा भी है। हड़ताल में प्रदेश में अब तक करीब 1000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हो चुका है। प्रदेशभर में लगभग दो लाख छोटे-बड़े ट्रकों के पहिये थमे हुए हैं।
पिछले आठ दिन से जारी हड़ताल में फर्नीचर, कपड़े, लोहे, लकड़ी, ईट आदि का कारोबार एकदम ठप पड़ा है। प्रदेश में औद्योगिक ईकाइयों की चिंता सबसे ज्यादा बढ़ रही है। पक्का माल डिलीवर नहीं हो रहा और कच्चे माल की सप्लाई भी रुकी पड़ी है। ट्रक आपरेटर्स ने बताया कि जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तब तक वह हड़ताल नहीं तोड़ेंगे। ट्रक वेलफेयर एसो. के अध्यक्ष हरभजन सिंह मान ने हड़ताल जारी रखने का एलान किया है। केंद्र अभी तक वार्ता को तैयार नहीं है। ऐसे में वे भी पीछे नहीं हटेंगे। केंद्र सरकार के नए रोड सेफ्टी बिल में संशोधनों से ट्रक आपरेटर्स नाराज हैं।
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फल-सब्जी का मूल्य बढ़ा
श्रावण मास और बरसाती मौसम में वैसे ही फल-सब्जी सामान्य दिनों की तुलना में महंगी हो जाती है लेकिन ट्रक हड़ताल की वजह से इनके दाम ढाई से तीन गुना बढ़ने का अंदेशा है। ज्यादातर फुटकर मंडियों में फल-सब्जी दोगुने दाम पर बिकने लगे हैं। इसको लेकर मंडियों में जनता व विक्रेताओं के बीच झड़प भी होती रहीं। बताया गया कि यहां आलू भी अलग-अलग जगह से आता है और प्याज नासिक से मंगाई जाती है, जिसकी आपूर्ति बंद हो गई है। कश्मीरी सेब भी नहीं आ रहा। ट्रकों के पहिए थमे होने से मंडी शुल्क में भी भारी नुकसान हो रहा है। आढ़तियों का बैकलॉग भी अब खत्म हो चुका है।
होगी पेट्रोल-डीजल की दिक्कत
पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति भी आमजन को दिक्कत में डाल सकती है। ट्रांसपोर्टरो ने इन वाहनों को रोकने का एलान किया है और साथ ही कांवड़ यात्रा भी शनिवार से शुरू हो रही। कांवड़ यात्रा में डीजल और पेट्रोल समेत गैस की आपूर्ति वैसे भी कम रहती है। ऐसे में जो वाहन आने वाले थे, अगर वे भी हड़ताल में शामिल हो गए तो स्थिति और बिगड़ सकती है।