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Suniye Sarkar Uttarakhand Ki Pukar: टिहरी झील और गंगा की लहरों पर सजीं चौपाल, पर्यटन के विकास के लिए किया विमर्श

Suniye Sarkar Uttarakhand Ki Pukar सुनिए सरकार उत्तराखंड की पुकार के तहत दैनिक जागरण की ओर से चौपाल आयोजित की गई। इसमें व्यापारियों व बोट संचालकों ने अपनी समस्याएं रखीं। साथ ही पर्यटन विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 08 Mar 2022 10:18 AM (IST)Updated: Tue, 08 Mar 2022 10:18 AM (IST)
Suniye Sarkar Uttarakhand Ki Pukar: टिहरी झील और गंगा की लहरों पर सजीं चौपाल, पर्यटन के विकास के लिए किया विमर्श
टिहरी झील के कोटी बोट प्वाइंट में आयोजित चौपाल में उपस्थित बोट संचालक और व्यापारी नेता। जागरण

जागरण संवाददाता, नई टिहरी: 'सुनिए सरकार, उत्तराखंड की पुकार' मुहिम के तहत सोमवार को कोटी कालोनी स्थित बोट प्वाइंट में आयोजित 'दैनिक जागरण' की चौपाल में व्यापारियों व बोट संचालकों ने अपनी समस्याएं रखीं। वहीं, ऋषिकेश में गंगा की लहरों पर नाव में चौपाल लगाकर राफ्टिंग, कैंपिंग व अन्य साहसिक गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने टिहरी झील व गंगा के राफ्टिंग जोन में पर्यटन विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

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टिहरी झील बोट यूनियन के संरक्षक कुलदीप सिंह पंवार ने कहा कि झील में बोट रखने को न तो सुरक्षित स्थान है, न झील तक आने को सही रास्ता ही, पर्यटकों के लिए शौचालय व चेंजिंग रूम, बोट प्वाइंट में कूड़ा निस्तारण, बोट संचालकों के लिए सर्वेयर की सुविधा और कोटी बाजार में पक्की दुकानें भी नहीं हैं। जबकि, बीते आठ सालों में झील में बोट लगातार बढ़ी हैं। वाटर पैरासिलिंग बोट संचालक अरविंद राणा ने कहा कि बोट संचालकों को सुविधाएं मिलने पर ही वह बेहतर सोच के साथ पर्यटन विकास के लिए काम कर सकेंगे।

उधर, गंगा पर चौपाल में गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति के अध्यक्ष दिनेश भट्ट, राफ्टिंग गाइड मोहित कुमार आदि ने कहा कि हर साल लगभग आठ लाख पर्यटक राफ्टिंग, कैंपिंग व अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए कौडियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में पहुंचते हैं। यहां राफ्टिंग और कैंपिंग से लगभग 5000 लोग सीधे जुड़े हैं। जबकि, लगभग दस हजार लोग अप्रत्यक्ष रूप से। ऐसे में यदि सरकार गंभीरता से काम करे तो उत्तराखंड पर्यटन मानचित्र पर अलग ही नजर आएगा। उन्होंने राफ्टिंग क्षेत्र की भूमि वन विभाग से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड को हस्तांतरित करने, कौडियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में जगह-जगह शौचालय, पेयजल, चेंजिंग रूम की व्यवस्था करने, तपोवन से शिवपुरी के मध्य पार्किग सुविधा उपलब्ध कराने, गंगा में हादसे रोकने को एक रेस्क्यू वाटर एंबुलेंस की व्यवस्था करने जैसे सुझाव भी रखे।


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