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चार साल पहले स्वीकृत हुआ गन्ना शोध केंद्र, नहीं आया अस्तित्व में

हरिद्वार जिले में प्रस्तावित गन्ना शोध केंद्र की स्थापना बेहद सुस्त चाल चल रही है। चार साल पहले स्वीकृति मिलने पर भी अभीतक केंद्र नहीं खुल पाया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 31 Mar 2018 03:30 PM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 11:04 PM (IST)
चार साल पहले स्वीकृत हुआ गन्ना शोध केंद्र, नहीं आया अस्तित्व में
चार साल पहले स्वीकृत हुआ गन्ना शोध केंद्र, नहीं आया अस्तित्व में

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: चार साल, पांच स्थल और नतीजा सिफर। यह है प्रदेश में सबसे अधिक गन्ना उत्पादक हरिद्वार जिले में प्रस्तावित गन्ना शोध केंद्र की स्थापना के मद्देनजर सिस्टम की चाल का लेखा-जोखा। यह शोध केंद्र, भारतीय अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने स्वीकृत किया है, लेकिन अभी तक इसके लिए जमीन फाइनल नहीं हो पाई है। हाल में गैरसैंण में संपन्न बजट सत्र के दौरान विधानसभा में मामला उठा तो अब सरकार ने डीएम हरिद्वार को फिर से भूमि चयन के निर्देश दिए हैं। 

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गन्ने की उन्नत फसल पैदा कर किसानों की आय में बढ़ोतरी के मद्देनजर पूर्व में सरकार ने हरिद्वार में हाईटेक गन्ना अनुसंधान एवं शोध केंद्र खोलने की ठानी। इसके पीछे मंशा यह थी कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार गन्ने की उन्नत प्रजातियां तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराई जाएं। इस दिशा में कोशिशें हुईं तो भारतीय अनुसंधान संस्थान लखनऊ ने वर्ष 2012-13 में हरिद्वार में गन्ना शोध केंद्र स्वीकृत किया। 

संस्थान ने इस शोध केंद्र के लिए उपयुक्त भूमि मुहैया कराने का सरकार से आग्रह किया। इसके बाद जिला प्रशासन ने हरिद्वार में जगजीतपुर-मिस्सरपुर, राजपुर-हरजोली जट, फेरूपुर-कठिया, सलेमपुर-कृष्णानगर और शांतरशाह में अलग-अलग वर्षों में भूमि चयनित की, मगर बात नहीं बन पाई। इनमें से चार स्थलों पर चयनित भूमि को शोध केंद्र के लिहाज से संस्थान के वैज्ञानिक दल ने अनुपयुक्त करार दिया, जबकि शांतरशाह में चयनित भूमि पर कोर्ट का अंतरिम आदेश है। 

भूमि के अभाव में यह शोध केंद्र अस्तित्व में नहीं आ पा रहा। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक सुरेश राठौर ने इससे संबंधित सवाल भी सदन में रखा। अब सरकार इस केंद्र को लेकर सक्रिय हुई है। सरकार की ओर से विधायक राठौर को जवाब दिया गया है कि गन्ना शोध केंद्र की स्थापना के मद्देनजर हरिद्वार के डीएम को उपयुक्त स्थल पर भूमि चयनित करने को कहा गया है। यह कार्यवाही जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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