चीनी मिलों का वेतन विवाद निबटाने को कमेटी गठित
चीनी मिलों के कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी को लेकर सरकार गंभीर हो गई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: चीनी मिलों के कर्मचारियों की वेतन बढ़ोतरी को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। बुधवार को श्रम मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई शुगर वेज बोर्ड की बैठक में वेतन विवाद के निबटारे को समिति गठित की गई, जो जल्द अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंपेगी। इसके अध्ययन के बाद बोर्ड अंतिम निर्णय लेगा।
सरकारी और निजी क्षेत्र की चीनी मिलों में हर पांच साल में कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का निर्णय पूर्व में लिया गया था। इसके तहत 2005 में वेतन बढ़ाया गया। इसके बाद 2012 में वेतन में 50 फीसद वृद्धि करते हुए इसे एक अक्टूबर 2010 से लागू किया गया। 2015 में फिर बढ़ोतरी होनी थी, मगर 2016 में आदेश हुए। इसके आधार पर सरकारी चीनी मिलों ने तो वेतन बढ़ाया, मगर निजी मिलों ने हाथ खींच लिए। तब से यह मसला लटका हुआ है।
इस बीच अदालत ने वेतन विवाद को देखते हुए शुगर वेज बोर्ड गठित करने के निर्देश सरकार को दिए। वेज बोर्ड की पहली बैठक 19 जुलाई को हुई, मगर इसमें निजी चीनी मिलों के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे थे। बुधवार को श्रम मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में दोबारा बैठक हुई, जिसमें वेतन वृद्धि मसले पर चर्चा की गई।
डॉ.रावत ने बताया कि वेतन विवाद के निबटारे को संयुक्त आयुक्त श्रम की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। इसमें महाप्रबंधक चीनी मिल, वित्त नियंत्रक और दो सांख्यिकी विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। इस समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद वेज बोर्ड अंतिम निर्णय लेगा। बैठक में सचिव गन्ना विकास हरबंस सिंह चुघ, श्रमायुक्त आनंद श्रीवास्तव के अलावा सरकारी व गैर सरकारी चीनी मिलों के प्रतिनिधि और श्रमिक संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।