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सुभारती मेडिकल कॉलेज के छात्रों का भविष्य अधर में, जानिए वजह

सुभारती मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे 300 छात्रों का भविष्य अधर में है। जिससे छात्र और उनके अभिभावकों में रोष व्याप्त है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 07:39 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 07:39 PM (IST)
सुभारती मेडिकल कॉलेज के छात्रों का भविष्य अधर में, जानिए वजह
सुभारती मेडिकल कॉलेज के छात्रों का भविष्य अधर में, जानिए वजह

देहरादून, जेएनएन। श्रीदेव सुमन सुभारती मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे 300 छात्रों का भविष्य अधर में है। उनकी कक्षाएं अब तक शुरू नहीं हो पाई हैं। जिससे गुस्साए छात्र और अभिभावकों ने चिकित्सा शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। 

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दरअसल, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुभारती कॉलेज के इस मामले की सुनवाई होनी थी। जो 22 जनवरी तक टल गई है। छात्रों का कहना है कि परीक्षा के लिए एमसीआइ के मानकों के मुताबिक तय टीचिंग शेड्यूल के अनुसार टीचिंग आवर्स पूरे करने होते हैं, लेकिन कक्षाएं ठप होने से ऐसा होना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में उनकी परीक्षाओं पर संकट न आ जाए। 

वहीं, शाम को दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के लेटर पेड पर उनके हस्ताक्षरयुक्त एक पत्र प्राचार्य सुभारती मेडिकल कॉलेज के नाम वायरल हो गया। पत्र में सुभारती के संसाधानों से ही कक्षाएं संचालित करने की बात कही गई थी। अभिभावकों द्वारा उनसे पूर्व में की गई मुलाकात का हवाला भी इसमें दिया गया था। जबकि प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि उन्होंने कोई ऐसा पत्र जारी नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ही कोई फैसला लिया जाएगा। 

बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कॉलेज को सरकार द्वारा अधिग्रहित किया गया है। राज्य सरकार ने यहां अध्ययनरत बच्चों को अन्य मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया है। स्टेट कोटा के तहत दाखिले लेने वाले छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेज व मैनेजमेंट कोटा वालों को निजी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट करने की बात कही है। जानकारी के अनुसार एमसीआइ ने भी इस पर अपनी सहमति दे दी है। 

आयुर्वेद विवि का चौथा कैंपस भी तैयार 

आयुर्वेद में कॅरियर बनाने के ख्वाहिशमंद युवाओं के लिए अच्छी खबर है। आयुर्वेद विवि का चौथा कैंपस कोटद्वार में बनकर तैयार है। आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत 29 जनवरी को इस नए कैंपस का शुभारंभ करेंगे। 

विवि के हर्रावाला व ऋषिकुल के अलावा मुख्य परिसर में भी बीएएमएस का कोर्स संचालित किया जा रहा है। अब चौथा कैंपस शुरू होने से यहां भी कोर्स शुरू किए जाएंगे। जिससे आयुर्वेद में कॅरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए संभावनाएं बढ़ेंगी। विवि के कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार व रजिस्ट्रार डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि विवि का नया कैंपस तैयार हो गया है। यहां शुरुआत में पंचकर्म चिकित्सा, गायनी एवं क्षार सूत्र (शल्य चिकित्सा) की ओपीडी शुरू की जा रही है। इसके अलावा युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने एवं किसानों को जड़ी-बूटियों की पहचान कराने के लिए जड़ी-बूटी पहचान एवं उपयोगिता का कोर्स भी शुरू किया जा रहा है। यह कोर्स 15 दिन का होगा। 

इसमें युवाओं को क्लास एवं गांवों में ले जाकर जड़ी-बूटी पहचान की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके बाद वह विदेशी एवं पर्यटकों को इनकी खासियत एवं किसानों को पहचान बता सकेंगे। इससे युवाओं की आय होगी और  किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। नए कैंपस में बीएएमएस का कोर्स शुरू करने के लिए सीसीआइएम में आवेदन किया जाएगा। जिसके बाद टीम निरीक्षण कर कोर्स संचालित करने एवं सीटों के लिए मान्यता देगी। आयुर्वेद विवि के वरिष्ठ  प्रोफेसर डॉ. विश्वजीत मांझी को नए परिसर का प्रभारी बनाया गया है। 

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