उत्तराखंड के लाल सूबेदार मेजर तेजपाल सिंह के नाम जुड़ा एक और तमगा
सूबेदार मेजर तेजपाल को ऑनरेरी लेफ्टिनेंट रैंक पर पदोन्नत किया गया है। 22 साल की सैन्य सेवा में ऑनरेरी लेफ्टिनेंट का रैंक प्रमोशन पाने वाले वेे अबतक के एकमात्र जेसीओ हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: नेहरु पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रशिक्षक व सूबेदार मेजर तेजपाल सिंह के नाम एक और तमगा जुड़ गया है। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें ऑनरेरी लेफ्टिनेंट रैंक पर पदोन्नत किया है। महज 22 साल की सैन्य सेवा में भारतीय सेना में ऑनरेरी लेफ्टिनेंट का रैंक प्रमोशन पाने वाले वह अब तक के एकमात्र जूनियर कमीशन ऑफिसर हैं। इससे पहले 17 साल की सैन्य सेवा में सूबेदार मेजर के ओेहदे तक पहुंचने का रिकार्ड भी तेजपाल के नाम ही है।
मूलरूप से रुद्रप्रयाग जनपद के रहने वाले (वर्तमान में कारगी, देहरादून) सूबेदार मेजर तेजपाल सिंह सेना के पर्वतारोही जांबाज हैं। पिछले चार साल से वह उत्तरकाशी स्थित नेहरु पर्वतारोहण संस्थान में तैनात हैं। दो बार विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। उन्होंने पहली बार वर्ष 1997 में उत्तरी दिशा की ओर से माउंट एवरेस्ट पर सफल आरोहण किया था। इसके बाद फिर दक्षिण दिशा की ओर से वर्ष 2012 में माउंट एवरेस्ट को फतह किया था।
सराहनीय सैन्य सेवा के लिए सूबेदार तेजपाल सिंह को विशिष्ठ सेवा मेडल व सेना मेडल भी मिल चुका है। अब स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्हें ऑनरेरी लेफ्टिनेंट के रैंक पर पदोन्नति का तोहफा मिला है। नेहरु पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य रहे कर्नल अजय कोठियाल समेत तमाम सैन्य अधिकारियों व उनके सहयोगी जेसीओ व एनसीओ ने इसके लिए सबेदार तेजपाल सिंह को बधाई दी है।
बताते चलें कि इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गढ़वाल राइफल्स के 26 और कुमाऊं रेजीमेंट के 22 जूनियर कमीशन आफिसर (जेसीआ) को ऑनरेरी लेफ्टिनेंट के रैंक से नवाजा गया है। साथ ही गढ़वाल राइफल्स के चार और कुमाऊं रेजीमेंट के चार जेसीओ को ऑनरेरी कैप्टन रैंक पर भी पदोन्नत किया गया है। प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय सेना में जेसीओ को ऑनरेरी रैंक से नवाजा जाता है। राष्ट्रपति की संस्तुति के उपरांत ही सराहनीय सैन्य सेवा करने वाली सीनीयर जेसीओ को ऑनरेरी रैंक प्रदान किया जाता है। इस रैंक पर पदोन्नत होने वाले जेसीओ को सेना में रहते हुए वही सुविधाएं मिलती हैं जो कि एक कमीशन ऑफिसर को मिलती है। हालांकि, सेवानिवृत्त होने के बाद ऑनरेरी रैंक के जवानों को मिलने वाली सुविधाओं में कटौती कर दी जाती है। इस मामले को तमाम रिटायर सैन्य कर्मी कई बार उचित फोरम पर उठा भी चुके हैं।
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