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Students psychological problems: स्कूली शिक्षा में होगी मनोचिकित्सक की एंट्री, छात्र-छात्राओं को मिलेगी मनोवैज्ञानिक दिक्कतों से निजात

उत्‍तराखंड में विद्यालयी शिक्षा में पहली बार मनोचिकित्सक की एंट्री होगी। छात्र-छात्राओं को पेश आ रही मनोवैज्ञानिक परेशानियों से निजात दिलाने को इस पद का प्रविधान किया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:18 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 09:18 PM (IST)
Students psychological problems: स्कूली शिक्षा में होगी मनोचिकित्सक की एंट्री, छात्र-छात्राओं को मिलेगी मनोवैज्ञानिक दिक्कतों से निजात
Students psychological problems: स्कूली शिक्षा में होगी मनोचिकित्सक की एंट्री, छात्र-छात्राओं को मिलेगी मनोवैज्ञानिक दिक्कतों से निजात

देहरादून, राज्य ब्यूरो। Students psychological problems प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा में पहली बार मनोचिकित्सक की एंट्री होगी। हाल के वर्षों में पढ़ाई के दौरान छात्र-छात्राओं को पेश आ रही मनोवैज्ञानिक परेशानियों से निजात दिलाने को समग्र शिक्षा अभियान के नए ढांचे में इस पद का प्रविधान किया गया है। राज्य स्तर पर रखे जाने वाले ये मनोचिकित्सक गुरुजनों को पढ़ाई के दौरान बाल व किशोर मनोविज्ञान पर ध्यान देने के गुर सिखाएंगे। 

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प्रदेश में कक्षा एक से 12वीं तक विद्यालयी शिक्षा के लिए सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को मिलाकर समग्र शिक्षा अभियान अस्तित्व में आ चुका है। अब प्रदेश सरकार समग्र शिक्षा अभियान के 1959 कार्मिकों के नए ढांचे को मंजूर कर चुकी है। इस ढांचे में पहली दफा छात्र-छात्राओं की गाइडेंस और काउंसिलिंग के लिए मनोचिकित्सक के एक पद का प्रविधान किया गया है। यह पद आउटसोर्सिंग से भरा जाएगा। छात्र-छात्राओं में पढ़ाई और कॅरियर के साथ ही पारिवारिक व अन्य समस्याओं से बढ़ते तनाव के निराकरण के लिए उक्त मनोचिकित्सक रूपरेखा तैयार करेंगे। 

छात्र-छात्राओं की काउंसिलिंग के लिए बनाई जाने वाली इस रूपरेखा को शिक्षकों को दी जाने वाली ट्रेनिंग का हिस्सा भी बनाया जाएगा। इससे शिक्षक पढ़ाई के दौरान ही छात्र-छात्राओं की मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से मदद कर सकेंगे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि मनोचिकित्सक से ली जाने वाली मदद के बारे में विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। समग्र शिक्षा अभियान में अभी एक ही पद का प्रविधान किया गया है। वहीं शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि अभी राज्य स्तर पर एक मनोवैज्ञानिक चिकित्सक की तैनाती की जाएगी। जरूरत पडऩे पर इस संख्या को बढ़ाया जा सकेगा। 

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पुराने ढांचे के 718 पदों में हुई कटौती

समग्र शिक्षा अभियान के नए ढांचे में ब्लॉक रिसोर्स परसन (बीआरपी) के 285 व क्लस्टर रिसोर्स परसन (सीआरपी) के 670 पदों का भी प्रविधान है। इन पदों को भरने के लिए भी प्रक्रिया नए ढांचे का शासनादेश जारी होने के बाद तय की जाएगी। नए ढांचे में सर्व शिक्षा अभियान के 2380 और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के 297 पद समेत कुल 2677 पदों में 718 पदों की कटौती की गई है। नए ढांचे में राज्य स्तर पर कुल 75, जिला स्तर पर 234 और ब्लॉक स्तर पर 1650 पद रखे गए हैं। इस केंद्रपोषित योजना में केंद्र की हिस्सेदारी 90 फीसद और राज्य की हिस्सेदारी 10 फीसद है।

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