संगीत साधना कर रहे शांति कुंज के नौनिहाल, कवि आनलाइन शेयर कर रहे कविताएं
लॉकडाउन के दौरान खाली समय का सदुपयोग करने के लिए गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के अंतवासी बच्चे संगीत में अपना समय दे रहे हैं। वहीं कवि ऑनलाइन कविताएं शेयर कर रहे हैं।
हरिद्वार, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान खाली समय का सदुपयोग करने के लिए गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के अंत:वासी बच्चे संगीत में अपना समय दे रहे हैं। शांतिकुंज परिवार प्रमुख शैल बाला पंड्या (शैल दीदी) और डॉ. प्रणव पंड्या की प्रेरणा से संगीत साधना कर अपने समय का सदुपयोग कर रहे हैं।
यह सभी अपने आवास पर अभ्यास कर्म के साथ दिन भर संगीत के विभिन्न वाद्यों का अभ्यास करते हैं। आहुति पंड्या, स्तुति पंड्या, चेतना, तन्मय, जान्हवी, प्रवेश बेहरा, कृष्णा, पूजा, यश्र्वनी आदि जहां गायन का अभ्यास कर रहे हैं, वहीं पार्थ, विपुल, आवृत तबला आदि वाद्य यंत्रों को बजाना सीख समय का सदुपयोग कर रहे हैं।
यश्र्वनी यादव संतूर, प्रवेश गढ़वाल पखावज सीख रहे हैं, ऐसे कुल 45 बच्चे निश्चित समय पर लगने वाली कक्षाओं में अपने-अपने घरों में संगीत साधना कर रहे हैं। उन्हें सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से उनके शिक्षक सभी जरूरी जानकारी दे रहे हैं। इसके बाद वह अपनी दैनिक दिनचर्या के अनुसार इसका अभ्यास कर रहे हैं।
गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने बताया कि शांतिकुंज के इन बच्चों ने क्वारंटाइन से चिंतित लोगों को संदेश दिया है। शारीरिक अथवा मानसिक कोई भी विकृति ऐसी नहीं जिसकी चिकित्सा संगीत की स्वर लहरियों द्वारा न हो सके। संपूर्ण शरीर में जो तनाव या विकृति पैदा होती है, उसका मूल आधार मस्तिष्क के ज्ञान तंतु हैं। संगीत से कानों पर लगी नैसर्गिंक ङिाल्ली प्रकंपित होती है जो सीधा मस्तिष्क को प्रभावित करती है।
कवि ऑनलाइन शेयर कर रहे कविताएं
लॉकडाउन के दौरान कई कर्मचारी जहां वर्क म होम के जरिये अपना काम निपटा रहे हैं, वहीं कई लोग घरों पर व्यायाम, योग और अन्य क्रिया-कलापों के माध्यम से खुद को तरोताजा रख रहे हैं। रुड़की के श्री सनातन धर्म प्रकाश चंद कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की शिक्षिकाओं ने भी ऑनलाइन कवि सम्मेलन शुरू किया है। इसके जरिये वे अपनी-अपनी रचनाओं को एक दूसरे तक पहुंचा रही हैं।
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कॉलेज की सांस्कृतिक समिति की प्रभारी डॉ. अर्चना चौहान ने बताया कि पांच अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रात नौ बजे नौ मिनट तक दीप प्रज्वलन करने के बाद ऑनलाइन कवि सम्मेलन की शुरुआत की गई। इस ग्रुप में प्राचार्य डॉ. अर्चना मिश्र समेत अन्य प्रवक्तागण डॉ. अनुपमा गर्ग, डॉ. भारती शर्मा, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. अंजू वत्स, डॉ. पारुल, डॉ. ज्योतिका, डॉ. असमा सिद्दकी, डॉ. कामना जैन आदि जुड़ी हुई हैं। सभी की ओर से एक-दूसरे को प्रेरित करने के लिए स्वचरित कविताएं वाइस मैसेज के माध्यम से भेजी जा रही हैं।
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