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Online Education: जंगल में ऑनलाइन परीक्षा दे रहे छात्र, बना रहता है हिंसक जानवरों का खतरा

चमोली जिले के सीमांत जोशीमठ ब्लॉक स्थित मोल्टा गांव में नौनिहालों को नवीं-दसवीं की ऑनलाइन मासिक परीक्षाएं देने गांव से तीन किमी ऊपर जंगल के मध्य चंचधार नामक स्थान पर जाना पड़ रहा है जहां नेटवर्क कैच करता है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 09:55 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 10:55 PM (IST)
Online Education: जंगल में ऑनलाइन परीक्षा दे रहे छात्र, बना रहता है हिंसक जानवरों का खतरा
जंगल में पहाड़ी पर जाकर आनलाइन परीक्षा देते चमोली जिले के मोल्टा गांव के छात्र-छात्राएं।

जोशीमठ (चमोली), जेएनएन। दावे भले ही दूर-दराज के गांवों में रहने वाले नौनिहालों को भी ऑनलाइन पढ़ाने के हो रहे हों, लेकिन हकीकत उन्हें मुंह चिढ़ाती नजर आती है। यकीन न हो तो चमोली जिले के सीमांत जोशीमठ ब्लॉक स्थित मोल्टा गांव को देख लीजिए। जहां नौनिहालों को नवीं-दसवीं की ऑनलाइन मासिक परीक्षाएं देने गांव से तीन किमी ऊपर जंगल के मध्य चंचधार नामक स्थान पर जाना पड़ रहा है, जहां नेटवर्क कैच करता है।  

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मोल्टा गांव आज भी संचार सुविधा से महरूम है। ऐसे में गांव के किसी व्यक्ति को यदि अपने नाते-रिश्तेदार या स्वजनों से फोन पर बात करनी हो तो उसे जंगल में एक ऊंचे टीले का रुख करना पड़ता है। इस स्थान पर बीएसएनएल का नेटवर्क उपलब्ध रहता है। इन दिनों विद्यालयों में ऑनलाइन मासिक परीक्षाएं चल रही हैं। सो, छात्र-छात्राओं को भी चंचधार की दौड़ लगानी पड़ रही है। गांव के नौनिहाल राजकीय इंटर कॉलेज पैनखंडा व गणाई में पढ़ते हैं। 

ग्रामीणों के अनुसार कुछ समय तक गांव में जियो व एयरटेल के सिग्नल मिलते थे, लेकिन अब यह गुजरे जमाने की बात हो गई। ग्राम प्रधान विनोद पंवार बताते हैं कि विभिन्न विद्यालयों में पढ़ने वाले नौनिहाल कोरोना संक्रमण के चलते गांव में ही रह रहे हैं। लेकिन, मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा। परीक्षा देना जरूरी है, इसलिए उन्हें जोखिम उठाकर जंगल में जाना पड़ रहा है।

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हिंसक जानवरों का खतरा

ग्राम प्रधान विनोद पंवार बताते हैं कि चंचधार के आसपास घना जंगल है और वहां तक पहुंचने का रास्ता भी जंगल के बीच से ही गुजरता है। ऐसे में जब तक बच्चे परीक्षा देकर घर नहीं लौट जाते, अभिभावकों का ध्यान उन्हीं पर लगा रहता है। बताते हैं कि जंगल में गुलदार, भालू, सुअर जैसे हिंसक जानवर बहुतायत में हैं। लेकिन, जिम्मेदारों का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

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