Move to Jagran APP

मोबाइल फोन पर बवाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र संगठन Dehradun News

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के कॉलेज परिसरों में मोबाइल फोन प्रतिबंधित करने के बयान का छात्र संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंंने मंत्री का पुतला जलाया।

By BhanuEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 09:34 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 09:34 AM (IST)
मोबाइल फोन पर बवाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र संगठन Dehradun News
मोबाइल फोन पर बवाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के खिलाफ सड़कों पर उतरे छात्र संगठन Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के कॉलेज परिसरों में मोबाइल फोन प्रतिबंधित करने के बयान का छात्र संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। एनएसयूआइ और सत्यम शिवम छात्र संगठन ने उच्च शिक्षा मंत्री का पुतला जलाया और विरोध में नारे लगाए। 

loksabha election banner

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के जिलाध्यक्ष सौरभ ममगाईं के नेतृत्व में संगठन ने उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के उस बयान का विरोध किया, जिसमें मंत्री ने प्रदेश के कॉलेजों व विवि में मोबाइल फोन को प्रतिबंधित करने की बात कही थी। इसके विरोध में एनएसयूआइ से जुड़े छात्रों ने एस्लेहॉल चौक पर नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया। 

सौरभ ममगाईं ने आरोप लगाए कि सरकार अपनी कमियों को छिपाने के लिए इस तरह हथकंडे अपना कर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री ई-लनिंग पर जोर दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोबाइल फोन प्रतिबंधित कर रहे हैं। 

कहा कि ई-लाईब्रेरी, ई-रजिस्ट्रेशन के इस दौर में छात्रों को मोबाइल से दूर करना उनके साथ अन्याय है। छात्रों ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री ने अपना बयान वापस नहीं लिया तो एनएसयूआइ सड़कों में उतरेगी। पुतला दहन में पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सोनू कुमार, चमोली के जिला अध्यक्ष संदीप नेगी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सूर्य पुरोहित, जिला सचिव विजय बिष्ट, विपुल गौड़, हिमांशु रावत, आदित्य बिष्ट, उदित थपलियाल, वासु शर्मा, अक्षत भट्ट, बॉबी भारती, कोमल खुराना, मिताली आदि मौजूद रहे।

युवाओं को सूचना से वंचित करने का लगाया आरोप 

सत्यम-शिवम छात्र संगठन ने उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत पर युवाओं को सूचना से वंचित करने का आरोप लगाया। संगठन से जुड़े छात्र-छात्राओं ने डीएवी कॉलेज चौक पर पुतला दहन किया। छात्र नेता आकिब अहमद ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार छात्रों को कमजोर करने के लिए इस तरह के निर्णय लेने पर विचार कर रही है। 

परीक्षाओं में मोबाइल प्रतिबंधित करना तो सही है, लेकिन अन्य दिनों में कॉलेज परिसर में भी मोबाइल प्रतिबंधित करने के बयान दिए जा रहे हैं। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि यह निर्णय वापस नहीं लिया तो संगठन सड़कों पर उतरकर विरोध करेगा। इस दौरान मनमोहन सिंह रावत, शुभम राठौर, हंसराज, आयुष, बंटी आदि मौजूद रहे।

शिक्षा मंत्री से छात्रों के सवाल 

- छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?

- कॉलेज कैंपस जब वाई-फाई से लैस किए गए हैं, तो मोबाइल पर प्रतिबंध का निर्णय क्यों?

- घर से जब छात्र-छात्राएं पढऩे के लिए निकलते हैं, तो कई बार कॉलेज परिसर से ही घर पर जरूरी बात करनी होती है। इनका निर्वहन कौन करेगा?

- महाविद्यालय में कई बार पढ़ाई के दौरान इंटरनेट का भी उपयोग करना पड़ता है। मोबाइल बगैर यह कैसे संभव होगा?

कैंपस में मोबाइल फोन बैन नहीं: धन सिंह

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में मोबाइल फोन पर पाबंदी लगाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। अलबत्ता, कक्षा में पढ़ाई के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। यह कार्य भी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के साथ रायशुमारी के बाद ही उठाया जाएगा। 

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सूचना प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक इस्तेमाल पर जोर दे रही है। स्मार्ट क्लास, वर्चुअल क्लास के साथ ई-लाइब्रेरी को कॉलेजों में प्रोत्साहित किया जा रहा है। 21वीं सदी की ओर बढ़ रही उच्च शिक्षा में ज्ञानार्जन में अब मोबाइल फोन उपयोगी साबित हो रहे हैं। 

शिक्षा राज्य मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि ऐसे में इनके इस्तेमाल पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगाई जा सकती। वह क्लासरूम में पढ़ाई के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हैं। चाहे छात्र हों या शिक्षक, क्लासरूम में मोबाइल फोन का इस्तेमाल पढ़ाई या शैक्षिक गतिविधियों में आड़े आ रहा है। 

इससे कक्षा में पढ़ाई के दौरान व्यवधान उत्पन्न होने की शिकायतें मिली हैं। अब तक छात्रों से ही पूछकर लिए निर्णय उन्होंने कहा कि करीब 40 मिनट की क्लास में पढ़ाई के दौरान मोबाइल के उपयोग पर पाबंदी की पैरवी उन्होंने शैक्षिक गुणवत्ता को ध्यान में रखकर की है। इस बारे में भी छात्रों व शिक्षकों के साथ चर्चा कर फैसला लिया जाएगा। इस सिलसिले में वह 15 फरवरी से कॉलेजों के दौरे के अभियान पर निकलेंगे। 

इस दौरान छात्रों व शिक्षकों से उक्त मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ चुनाव, सेमेस्टर प्रणाली, ड्रेस कोड, कॉलेजों में तिरंगा झंडा और वंदेमातरम गान समेत अब तक लिए गए तमाम फैसले छात्रों व छात्र संगठनों के साथ बातचीत के बाद ही लागू हुए हैं। 

यह भी पढ़ें: बढ़ती महंगाई समेत कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस करेगी प्रदेशव्यापी आंदोलन

गौरतलब है कि देहरादून में एक विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. रावत का विवि व महाविद्यालयों में मोबाइल पर प्रतिबंध लगाने का बयान सामने आया था। मंगलवार को उत्तरकाशी भ्रमण के दौरान डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में मोबाइल पर पाबंदी लगाने के बयान से ही इन्कार किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ क्लासरूम में पढ़ाई के वक्त मोबाइल पर पाबंदी पर ही उन्होंने जोर दिया है। प्राध्यापकों के पढ़ाने के दौरान छात्रों के मोबाइल पर गेम खेलने की शिकायतें मिली हैं।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के दस भाजपा नेता बने दायित्वधारी, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.