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डीएवी में पर्यावरण संरक्षण की नई पहल, नए छात्रों को आइकार्ड के साथ पौधे किए भेंट

एबीवीपी ने डीएवी पीजी कॉलेज में पर्यावरण संरक्षण की नई पहल शुरू की है। नये प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्रा को अभाविप आइकार्ड के साथ एक पौधा भेंट कर रही है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 03:39 PM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 03:39 PM (IST)
डीएवी में पर्यावरण संरक्षण की नई पहल, नए छात्रों को आइकार्ड के साथ पौधे किए भेंट
डीएवी में पर्यावरण संरक्षण की नई पहल, नए छात्रों को आइकार्ड के साथ पौधे किए भेंट

देहरादून, जेएनएन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डीएवी पीजी कॉलेज में पर्यावरण संरक्षण की नई पहल शुरू की है। नये प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्रा को अभाविप आइकार्ड के साथ एक पौधा भेंट कर रही है। बुधवार को छात्र नेता निखिल शर्मा के नेतृत्व में कॉलेज परिसर में पर्यावरण जागरूकता रैली निकाली। इस मौके पर संगठन के छात्र-छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण और पेड़ बचाओ आंदोलन के प्रणेता वीरांगना गौरा देवी और सुंदर लाल बहुगुणा के बारे में जानकारी दी गई। निखिल शर्मा ने कहा कि भारत भूमि को गौरा देवी और सुंदर लाल बहुगुणा जैसे युग पुरुषों की आवश्यकता है। इस मौके पर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ राणा, राहुल लारा, शुभम सिमल्टी, जितेंद्र सिंह बिष्ट, जितेंद्र सिंह बिष्ट के अलावा सुमित यादव, हन्नर, रितीक, वासु, हन्नी सिसोदिया आदि मौजूद रहे।   

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एनएसयूआइ ने कॉलेज प्रभारी नियुक्त किए 

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के जिलाध्यक्ष सौरभ मंमगाईं ने छात्र संघ चुनाव के लिए पांच कॉलेजों में प्रभारी नियुक्त किए हैं। प्रभारी की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है जो संगठन के प्रति निष्ठा व संगठनात्मक अनुभव रखते हों। उन्होंने एमकेपी पीजी कॉलेज में उर्वशी चौहान, एसजीआरआर पीजी कॉलेज पथरी बाग में अभिषेक डोबरियाल, डीबीएस कॉलेज में नित्यानंद कोठियाल, एमपीजी कॉलेज मसूरी मे आशीष रावत, वीएसकेसी कॉलेज डाकपत्थर में भाग्यश्री क्षेत्री को प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

डॉल्फिन इंस्टीट्यूट में अनेकता में एकता पर संवाद 

डॉल्फिन इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोमेडिकल एंड नेचुरल सांइसेज में अनेकता में एकता विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के चेयरमैन अरविंद गुप्ता ने किया। उन्होंने कहा कि हमें धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग भेद आदि भेदभाव और रूढ़ीवाद से ऊपर उठकर काम करना होगा। संवाद कार्यक्रम में मनोवैज्ञानिक चिकित्सक डॉ. मुकुल शर्मा, डॉ. फिरोज अहमद, आरएसएस के राष्ट्रीय मुस्लिम एकता मंच के उत्तराखंड प्रभारी तुशारकांत, कवियत्री उमा सिसोदिया, मदरसा शिक्षा परिषद के डिप्टी रजिस्ट्रार हाजी अखलाक अहमद समेत अन्य वक्ताओं ने देश की एकता और अखंडता पर अपने विचार रखे। 

इससे पहले छात्रों ने मां तुझे सलाम, तेरी मिट्टी में मिल जांवा, समेत अन्य देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर डॉ. आशीष रतूड़ी, प्राचार्य डॉ. शैलजा पंत, विपुल गर्ग, डॉ. श्रुति शर्मा, डॉ. बीना जोशी, डॉ. संजय कुमार समेत अन्य लोग मौजूद रहे। 

दून विवि छात्रों में नवाचार को विकसित करने का उत्तम केंद्र 

दून विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी के तत्वावधान और एमएसएमई के सहयोग से एक दिवसीय उद्यमिता विकास जागरूकता कार्यशाला आयोजित की गई। जिसका शुभारंभ राज्यपाल के सचिव आरके सुधांशु ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दून विवि एक ऐसा केंद्र है जो नवाचार और सृजनशीलता को विकसित करने के लिए माकूल वातावरण प्रदान करता है। उन्होंने कई सफल उद्यमियों के प्रसंग विद्यार्थियों के साथ साझा किए, जिसमें एप्पल, ओयो, पेटीएम के तमाम उद्यमियों के प्रसंग सम्मिलित हैं। उन्होंने न्यूनतम पूंजी से कैसे उद्यम संचालित किए जा सकते हैं, उसके उदाहरण भी दिए, जिसमें आइटी से जुड़े उद्यम हो या सेवा श्रेत्र के अन्य उद्यम हों। 

उन्होंने विद्यार्थियों को सफल उद्यमी के गुर सिखाए, कहा कि राज्य सरकार की कई योजनाएं हैं, जो युवाओं को उद्यमी के रूप में प्रोत्साहित करने के लिये उपलब्ध हैं। उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार की उद्यमिता विकास के जुड़ी हुई विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। एमएसएम के निदेशक विजय कुमार ने कहा कि छोटे-छोटे उद्योग लगाने की दृष्टि से विभाग देश के युवाओं को प्रोत्साहित करता है। 

'जॉब सीकर की जगह जॉब क्रियेटर'

विवि के सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी (सीपीपी) के चेयर प्रोफेसर डॉ. एचएस दास ने सीपीपी के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उद्यमिता विकास की यह कार्यशाला निश्चित रूप से उद्देश्य प्राप्त करेगी। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दून विवि के कुलपति डॉ. सीएस नौटियाल ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य विवि में अध्ययनरत छात्रों को 'जॉब सीकर की जगह जॉब क्रियेटर' बनाना है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं भविष्य में आयोजित की जाएंगी ताकि यहां के छात्र-छात्राएं राज्य के विकास ही नहीं अपितु देश के विकास में योगदान दे सकें। इस दौरान प्रो. हर्ष डोभाल, प्रो. एचसी पुरोहित, अमित मोहन, एसएन मिश्रा, मनोज गौड़, विभोर स्वरूप, जितेंद्र मलिक आदि मौजूद रहे। 

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