पावर कारपोरेशन का स्पेशल एक्शन प्लान, शटडाउन पर रोक; तुरंत ठीक किये जायेंगे फाल्ट
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने स्पेशल एक्शन प्लान तैयार किया है।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने स्पेशल एक्शन प्लान तैयार किया है। एमडी बीसीके मिश्रा ने आदेश जारी किया है कि जब तक कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हो जाता तब तक कहीं भी शटडाउन न लिया जाए। यदि कहीं विशेष आवश्यकता हो तो चिह्नित इलाके में ही विद्युत आपूर्ति को उतनी ही देर के लिए रोका जाए, जितने कम से कम समय में काम हो सके। एमडी ने उत्तराखंड के सभी 348 विद्युत उपकेंद्रों पर तैनात अधीक्षण अभियंताओं को निर्देश दिया है कि इसका अक्षर से पालन किया जाए और टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर आने वाली शिकायतों कर हर आधे घटे में अपडेट लिया जाए। कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज समेत दो निजी मेडिकल कॉलेजों और अन्य स्थानों को संभावित मरीजों को क्वारंटाइन करने के लिए चिह्नित किया है।शासन की ओर से इन स्थानों पर विद्युत आपूर्ति 24 घटे निर्बाध बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि किसी भी कीमत पर विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए। इसे लेकर उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने शुक्रवार देर शाम अधीक्षण अभियंताओं के साथ बैठक की और उत्तराखंड के सभी 348 विद्युत उपकेंद्र की स्थिति की समीक्षा की।
इसमें देहरादून के ग्रामीण क्षेत्र के 25 और शहरी क्षेत्र के 21 विद्युत उपकेंद्रों की विशेष तौर से समीक्षा की गई। एमडी ने कहा कि विद्युत आपूर्ति 24 घटे बहाल रहनी चाहिए। इसमें किसी भी स्थिति में बाधा नहीं पहुंचने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कहीं से लोकल फाल्ट की सूचना आती है, तो उस क्षेत्र में सिर्फ उसी इलाके की विद्युत आपूर्ति रोकी जाए जहा फाल्ट ठीक किया जाना है। पूरे इलाके में शटडाउन दिया जाना प्रतिबंधित रहेगा। यह तब तक प्रभावी होगा जब तक कोरोना का संक्रमण नियंत्रित नहीं कर लिया जाता। उन्होंने कहा कि लोकल फाल्ट की सूचना के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर हर आधे घटे में अपडेट किया जाए और यह देखा जाए कि फाल्ट ठीक हुआ या नहीं।
राजस्व वसूली पर कोरोना संकट
कोरोना के चलते उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड राजस्व वसूली में भी भारी कमी आई है। पिछले साल के मुकाबले विद्युत बिल के रूप में इस साल 110 करोड़ रुपए कम जमा हुए हैं। ऊर्जा निगम के पीआरओ चीफ इंजीनियर एके सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 में एक मार्च से लेकर 19 मार्च तक 382 करोड रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि इस साल एक मार्च से 19 मार्च के मध्य 271 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह कमी विद्युत बिलों के कम जमा होने से हुई है।
जलने पर तुरंत बदले जाएंगे ट्रासफार्मर
ऊर्जा निगम ट्रासफार्मर के जलने या अन्य किसी तरह की तकनीकी खराबी उत्पन्न होने की स्थिति में भी उन्हें तत्काल बदलने के लिए तैयारी कर ली गई है। इसके लिए देहरादून में 30 से अधिक छोटे-बड़े ट्रासफार्मरों को रिजर्व रखा गया है। इसके साथ ही एक दर्जन ट्राली ट्रासफार्मर भी क्रियाशील अवस्था में रखे गए हैं।
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बीसीके मिश्रा (एमडी यूपीसीएल) का कहना है कि उत्तराखंड में विद्युत आपूर्ति निर्बाध बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए गए हैं। तैयारी की गई है कि किसी भी फाल्ट को को कम से कम समय में ठीक करा दिया जाए।अस्पतालों और सरकार की ओर से क्वारंटाइन के रूप में चिह्नित स्थानों पर विद्युत आपूर्ति को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
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