फोन के आइएमईआइ से छेड़छाड करने वाले दो दबोचे
राजधानी देहरादून में सटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने फोन की ईएमआई से छेड़छाड़ करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
देहरादून, [जेएनएन]: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मोबाइल फोन के आइएमईआइ से छेड़छाड़ करने के मामले में एक नाबालिग सहित दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से आइएमईआइ परिवर्तित करने वाले उपकरण सहित 32 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। दोनों आरोपित सगे भाई हैं।
एसएसपी एसटीएफ रिदिम अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ को लगातार मोबाइल फोनों की आइएमईआइ से छेड़छाड कर उसकी पहचान परिवर्तित करने की शिकायतें मिल रही थीं। जिसके बाद एएसपी एसटीएफ अजय सिंह व एसपी एसटीएफ कैलाश पवांर के नेतृत्व में टीम का गठन किया। गोपनीय जांच में टीम को दर्शनलाल चौक स्थित किंग्स कम्युनिकेशन के यहां इस प्रकार का कार्य होने की जानकारी मिली।
जिसके बाद इंस्पेक्टर यशपाल सिंह बिष्ट के नेतृत्व में टीम ने उक्त दुकान पर छापा मारकर दो आरोपितों बहार अहमद पुत्र खुर्शीद निवासी नूर एनक्लेव, आजाद कॉलोनी देहरादून व एक नाबालिग को गिरफ्तार किया। आरोपितों के कब्जे से आइएमईआइ नंबर बदलने वाले उपकरण और 32 मोबाइल फोन बरामद किए गए। आरोपितों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में टेलीग्राफ एक्ट व आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है।
ऐसे करते हैं आइएमईआइ चेंज
आरोपित दो प्रकार से फोन का आइएमईआइ बदल देते हैं। वह किसी भी फोन का सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर के माध्यम से क्रेक कर देते हैं और इसके बाद आइएमईआइ बदल देते हैं। अगर इस माध्यम से आइएमईआइ चेंज नहीं होता है तो वह किसी दूसरे फोन का मदर बोर्ड फोन में लगाकर उसका आइएमईआइ बदल देते हैं।
अधिकतर साइबर क्राइम में किया जाता है ऐसे मोबाइलों का प्रयोग
एसएसपी एसटीएफ रिदिम अग्रवाल ने बताया कि आइएमईआइ बदले गए मोबाइल फोन का इस्तेमाल अपराधी अधिकतर साइबर क्राइम के लिए करते हैं। आइएमईआइ नंबर बदलने के कारण मोबाइल फोन की बरामदी नहीं हो पाती। जिसके कारण जांच में फोन करने वाले की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जब भी वह पुराना मोबाइल लें तो उसकी मूल रसीद अवश्य लें। साथ ही यह पता कर लें कि आइएमईआइ नंबर सही है या नहीं।
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